जमीन के अंदर धधक रहा महाविनाशक ज्‍वालामुखी, फटा तो प्रलय में चली जाएंगी 90 हजार जानें

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में एक महाविनाशक ज्‍वालामुखी जमीन के अंदर धधक रहा है। अमेरिका के वयोमिंग राज्‍य में स्थित इस ज्‍वालामुखी का नाम यलोस्‍टोन (Yellowstone Volcano) है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट हुआ तो 90 हजार लोगों की तत्‍काल मौत हो जाएगी। उन्‍होंने कहा कि यह ज्‍वालामुखी भले ही देखने में बहुत खूबसूरत नजर आ रहा है लेकिन अगर इसमें विस्‍फोट हुआ तो यह इंसान के इतिहास में सबसे भयानक तबाही ला सकता है। इस महाविस्‍फोट से इतना ज्‍यादा मोटा राख से भरा बादल उठेगा कि पूरी पृथ्‍वी इससे ढक जाएगी। आइए जानते हैं तबाही लाने वाले यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी की पूरी कहानी….

Yellowstone Volcano: पृथ्‍वी के अंदर एक तबाही लाने वाला ज्‍वालामुखी धधक रहा है। इस ज्‍वालामुखी का नाम है यलोस्‍टोन। यह ज्‍वालामुखी अमेरिका के वयोमिंग राज्‍य में स्थित है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट हुआ तो महाप्रलय आ जाएगा….

Yellowstone Volcano: जमीन के अंदर धधक रहा महाविनाशक ज्‍वालामुखी, फटा तो प्रलय में चली जाएंगी 90 हजार जानें

दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में एक महाविनाशक ज्‍वालामुखी जमीन के अंदर धधक रहा है। अमेरिका के वयोमिंग राज्‍य में स्थित इस ज्‍वालामुखी का नाम यलोस्‍टोन (Yellowstone Volcano) है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट हुआ तो 90 हजार लोगों की तत्‍काल मौत हो जाएगी। उन्‍होंने कहा कि यह ज्‍वालामुखी भले ही देखने में बहुत खूबसूरत नजर आ रहा है लेकिन अगर इसमें विस्‍फोट हुआ तो यह इंसान के इतिहास में सबसे भयानक तबाही ला सकता है। इस महाविस्‍फोट से इतना ज्‍यादा मोटा राख से भरा बादल उठेगा कि पूरी पृथ्‍वी इससे ढक जाएगी। आइए जानते हैं तबाही लाने वाले यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी की पूरी कहानी….

​6 लाख साल से सो रहा है यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी
​6 लाख साल से सो रहा है यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी

वयोमिंग राज्‍य में स्थित यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी पिछले 6 लाख साल से शांत है लेकिन वैज्ञानिकों को भय सता रहा है कि यह सो रहा ‘राक्षस’ कभी भी जाग सकता है और तबाही ला सकता है। उन्‍होंने कहा कि अगर यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट हुआ तो पूरी दुनिया में अराजकता फैल जाएगी। ब्रिटिश अखबा डेली एक्‍सप्रेस के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहा कि यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी के नीचे लाखों साल से दबाव बन रहा है। उन्‍होंने कहा कि अगर ज्‍वालामुखी के नीचे गर्मी बढ़ती रही तो ज्‍वालामुखी उबलना शुरू हो जाएगा और जमीन के अंदर चट्टानें पिघलना शुरू हो जाएंगी। पृथ्‍वी के कोर से गर्मी बढ़ती रही तो यह मैग्‍मा, चट्टान, भाप, कार्बन डाई ऑक्‍साइड और अन्‍य गैसों का मिश्रण बना देगा। इसके बाद जमीन के अंदर एक गुबार बन जाएगा और जमीन उठ जाएगी जो द‍िखाई भी देगी। इसे देखकर लगेगा कि यह फटने वाला है।

​यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी फटा तो आ जाएगा ‘प्रलय’
​यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी फटा तो आ जाएगा 'प्रलय'

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यलो स्‍टोन ज्‍वालामुखी फटा तो ‘प्रलय’ आ जाएगा और 90 हजार लोग तो तत्‍काल मारे जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि 90 हजार लोगों की मौत तो बस एक शुरुआत होगी। इसके बाद तबाही का तूफान आ जाएगा। इस महाविस्‍फोट से 1600 किलोमीटर के इलाके में पूरी पृथ्‍वी के ऊपर मैग्‍मा की तीन मीटर पर‍त फैल जाएगी। इसका अर्थ यह होगा कि बचावकर्मियों को विस्‍फोट के स्‍थल तक पहुंचने के लिए भी संघर्ष करना होगा। इससे और ज्‍यादा लोगों की जान खतरे में आ जाएगी। यही नहीं ज्‍वालामुखी से निकलने वाली राख जमीन से घुसने के सभी रास्‍तों को बंद कर देगी। राख और गैस से पूरा वातावरण भर जाएगा और विमान उड़ान नहीं भर पाएंगे। यह कुछ उसी तरह से होगा जैसे आइसलैंड में वर्ष 2010 में एक ज्‍वालामुखी के छोटे से विस्‍फोट के दौरान हुआ था।

​महाविस्‍फोट से पृथ्‍वी पर आ जाएगी ‘परमाणु ठंड’
​महाविस्‍फोट से पृथ्‍वी पर आ जाएगी 'परमाणु ठंड'

यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी के फटने के बाद धरती पर ‘परमाणु ठंड’ आ जाएगी। परमाणु ठंड उस स्थिति को कहा जाता है जब बहुत ज्‍यादा राख और मलबा पृथ्‍वी के वातावरण में पहुंच जाता है। इससे पृथ्‍वी के जलवायु में परिवर्तन आ जाएगा क्‍योंकि ज्‍वालामुखी के फटने से बहुत बड़े पैमाने पर सल्‍फर डॉई ऑक्‍साइड वातावरण में पहुंच जाएगा। इससे सल्‍फर एरोसोल पैदो हो जाएगा और यह सूरज की रोशनी को परावर्तित कर देगा तथा उसे अपने अंदर निगल जाएगा। इसके परिणामस्‍वरूप पृथ्‍वी पर तापमान में भारी कमी आ जाएगी। इससे फसले बढ़ेंगी नहीं और अंतत: बड़े पैमाने पर दुनियाभर में भुखमरी पैदा हो जाएगी। वैज्ञानिकों ने कहा कि अच्‍छी बात यह है कि यलोस्‍टोन ज्‍वालामुखी के फटने की संभावना बहुत ही कम है और व्‍यवहारिक रूप से संभव नहीं है।

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