भारतीय IT प्रोफेशनल के लिए बड़ी खबर, अमेरिकी सीनेट ने पास किया हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट, क्या होगा असर

वाशिंगटन
अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से ‘फेयरनेस फॉर हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट’ () यानी S.386 बिल (S.386 Bill) पास कर दिया है। यह विधेयक अलग-अलग देशों के लिए रोजगार आधारित इमिग्रेशन वीजा () की अधिकतम संख्या का निर्धारण खत्म करता है, साथ ही उसे परिवार आधारित वीजा बनाता है। इस कदम से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत मिलेगी। इस बिल के पारित होने से अमेरिका में काम कर रहे सैकड़ों भारतीय पेशेवरों को फायदा होगा जो कई साल से ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे हैं।

ग्रीन कार्ड के लिए दशकों से इंतजार कर रहे प्रोफेशनल्स को बड़ी राहत
‘फेयरनेस फॉर हाई स्किल्ड इमिग्रेन्ट्स एक्ट’ को सीनेट से मिली मंजूरी के बाद ये भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए बड़ी राहत है। खास तौर से वे प्रोफेशनल्स जो एच-1बी वीजा पर अमेरिका आए थे और ग्रीन कार्ड या स्थाई आवास के लिए दशकों से इंतजार कर रहे हैं। विधेयक को 10 जुलाई 2019 को प्रतिनिधि सभा से मंजूरी मिल गई थी। बिल में परिवार आधारित इमिग्रेशन वीजा पर उस साल मौजूद कुल वीजा के प्रति देश सात फीसदी की सीमा बढ़ा कर 15 फीसदी किया था।

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विधेयक को 10 जुलाई 2019 को प्रतिनिधि सभा से मिली थी मंजूरी
ऊटा राज्य से रिपब्लिक पार्टी के सीनेटर लाइक ली ने यह विधेयक पेश किया था। वित्त वर्ष 2019 में भारतीय नागरिकों को 9,008 श्रेणी1 (ईबी1), 2908 श्रेणी 2(ईबी2), और 5,083 श्रेणी 3 (ईबी3) ग्रीन कार्ड प्राप्त हुए। (ईबी3) रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड की अलग-अलग श्रेणियां हैं। सीनेटर ली ने जुलाई में सीनेट को बताया था कि स्थायी निवास या ग्रीन कार्ड पाने के लिए किसी भारतीय नागरिक का बैकलॉग 195 साल से अधिक है।

ये बिल स्किल्ड इमिग्रेंट्स को देगा समान अवसर
सीनेटर केविन क्रैमर ने कहा कि ‘फेयरनेस फॉर हाई-स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट’ अधिक योग्यता-आधारित प्रणाली बनाता है जो स्किल्ड इमिग्रेंट्स को समान अवसर प्रदान करता है। क्रैमर ने यह सुनिश्चित करने का काम किया कि विधेयक धोखाधड़ी और वीजा प्रणाली के दुरुपयोग को रोकने वाला हो।

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