यूपी के मिर्जापुर में बांध पर मिले तीनों बच्चों की डूबकर मौत नहीं हुई थी बल्कि उनकी निर्मम तरीके से हत्या की गई थी। शव के पोस्टमॉर्टम के बाद फिलहाल यही अंदेशा जताया जा रहा है। पोस्टमॉर्टम के दौरान डॉक्टरों को एक बच्चे के सीने की हड्डी टूटी मिली, साथ ही आंख के पास किसी नुकीले चीज से प्रहार किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों की डूबने से पहले ही मौत हो चुकी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी के मुकदमे को हत्या में तब्दील कर दिया है। पूरे मामले की जांच के लिए एडीजी ने अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है।
गौरतलब है कि लालगंज थाना क्षेत्र के वामी गांव में गत 1 दिसंबर को एक ही परिवार के तीन बच्चे गायब हो गए थे। पुलिस ने दो दिसंबर को गुमशुदगी का मामला दर्ज कर बच्चों की तलाश शुरू कर दी थी। गुरुवार को एडीजी जोन ने बताया कि इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर एक एसआईटी का गठन किया गया है। जल्द ही पूरी घटना का खुलासा किया जाएगा।
बेर खाने जंगल गए थे, बंधे पर मिला था शव
वहीं, सीएमओ पीडी गुप्ता ने बताया कि दो डॉक्टरों के पैनल ने बच्चों का पोस्टमॉर्टम किया। रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों की मौत पानी में डूबने से पहले ही हो गई थी। वामी गांव में एक ही परिवार के 14 वर्षीय हरिओम, सुधांशु और शिवम 1 दिसंबर को घर पर आई बारात के विदा होने के बाद पास के ही कुशियरा जंगल में बेर खाने के लिए निकले थे। घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने 2 दिसंबर को लालगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। बुधवार की शाम को कामापुर गांव के लोहरिया बंधे के पास तीनों का शव मिला था।