यूपी के मिर्जापुर में खुशियां उस समय मातम में तब्दील हो गईं, जब लड़की की विदाई के दिन ही घर के तीन बच्चे गायब हो गए। दूसरे दिन इन बच्चों के शव गांव के पास स्थित एक बांध में मिले। परिजन इस मामले में हत्या की आशंका जता रहे हैं। बच्चों की आंखें गायब होने की बात कही जा रही थी। वहीं पुलिस का कहना है कि बच्चों के अंग गायब नहीं हैं और चोट कैसे लगी यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ होगा। गुरुवार देर शाम पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। एडीजी ने इस मामले की छानबीन के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है।
30 नवंबर को थी शादी
जानकारी के मुताबिक बामी गांव में राजेश तिवारी की बहन की शादी 30 नवंबर को थी। शादी के दूसरे दिन सब लोग बारात की विदाई कर आराम कर रहे थे। उसी समय घर के तीन बच्चे कहीं चले गए। जब बच्चे वापस नहीं लौटे तो उनकी तलाश शुरू की गई। काफी तलाश के दो दिन बाद बच्चों के शव एक बांध में मिले। घटना की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। एक साथ तीन बच्चों की मौत की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
पहले दर्ज था गुमशुदगी का मामला
बता दें कि 14 साल के हरिओम, सुधांशु और शिवम तीनों बच्चे 1 दिसंबर 2020 को घर पर आई बारात विदा होने के बाद पास के ही कुशियरा जंगल मे बेर खाने के लिए निकले थे। घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने 2 दिसंबर को दोपहर में लालगंज थाने में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज करवाया था। घटना के बाद शव को देखकर परिवार वालों ने हत्या की आशंका जाहिर की थी। शरीर मे चोट देखकर उनका कहना था कि बच्चों की हत्या की गई है।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलेगा सच
इस बारे में पुलिस महानिरीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों के सभी अंग सुरक्षित हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि शरीर मे चोट कैसे लगी यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि आंखें निकाले जाने का भ्रम फैलाया जा रहा है। तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।