और घातक बनेगा भारत का C-130J सुपर हरक्यूलस, 663 करोड़ की डील को यूएस की मंजूरी

चीन पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत अपने हैवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-130J सुपर हरक्यूलस को अपग्रेड करने जा रहा है। इससे न केवल इस विमान की क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि चीन बॉर्डर से जुड़े दुर्गम क्षेत्रों में इसके ऑपरेशन में भी तेजी आएगी। गुरुवार को अमेरिका ने इस विमान को अपग्रेड करने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस डील की कुल कीमत 9 करोड़ यूएस डॉलर (6637716000 रुपये) है।

C-130J Super Hercules: चीन पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत अपने हैवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-130J सुपर हरक्यूलस को अपग्रेड करने जा रहा है। इससे न केवल इस विमान की क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि चीन बॉर्डर से जुड़े दुर्गम क्षेत्रों में इसके ऑपरेशन में भी तेजी आएगी।

और घातक बनेगा भारत का C-130J सुपर हरक्यूलस, 663 करोड़ की डील को यूएस की मंजूरी

चीन पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत अपने हैवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-130J सुपर हरक्यूलस को अपग्रेड करने जा रहा है। इससे न केवल इस विमान की क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि चीन बॉर्डर से जुड़े दुर्गम क्षेत्रों में इसके ऑपरेशन में भी तेजी आएगी। गुरुवार को अमेरिका ने इस विमान को अपग्रेड करने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस डील की कुल कीमत 9 करोड़ यूएस डॉलर (6637716000 रुपये) है।

C-130J Super Hercules 09
C-130J Super Hercules 09

अमेरिकी रक्षा विभाग की रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने कहा कि यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने तथा एक प्रमुख रक्षा साझेदार की सुरक्षा को दुरुस्त करने में मदद करके अमेरिका की विदेश नीति एवं राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन करेगी। डीएससीए ने अमेरिकी कांग्रेस को एक प्रमुख बिक्री अधिसूचना जारी कर कहा कि हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए भारत एक महत्वपूर्ण शक्ति बना हुआ है।

इन उपकरणों के खरीद के लिए हुई है यह डील
इन उपकरणों के खरीद के लिए हुई है यह डील

भारत ने जो अनुरोध किये हैं, उनमें विमानों में खप सकने वाले कलपुर्जे और मरम्मत तथा वापसी वाले पुर्जे, कारट्रिज एक्चुएटिड उपकरण या प्रोपेलेंट एक्चुऐटिड उपकरण (सीएडी या पीएडी), अग्निशमन कारट्रिज, आधुनिक रडार चेतावनी रिसीवर शिपसेट और जीपीएस आदि शामिल हैं। इनकी कुल कीमत नौ करोड़ डॉलर है।

भारत की जरूरतों को पूरा करने का अमेरिका ने किया वादा
भारत की जरूरतों को पूरा करने का अमेरिका ने किया वादा

पेंटागन ने कहा कि प्रस्तावित बिक्री सुनिश्चित करेगी कि पहले खरीदे जा चुके विमान भारतीय वायु सेना, सेना और नौसेना की परिवहन जरूरतों, स्थानीय एवं अंतरराष्ट्रीय मानवीय सहायता तथा क्षेत्रीय आपदा राहत के लिए प्रभावी तरीके से काम कर सकें। उसने कहा कि उपकरणों और सेवाओं की यह बिक्री वायु सेना को सी-130जे परिवहन विमानों के संदर्भ में मिशन के लिहाज से तैयार रहने की स्थिति में रखेगी। भारत को इस अतिरिक्त सहायता को प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी।

अमेरिका ने भारत को बनाया है प्रमुख रक्षा साझीदार
अमेरिका ने भारत को बनाया है प्रमुख रक्षा साझीदार

पेंटागन के अनुसार इन उपकरणों की प्रस्तवित बिक्री क्षेत्र में मूलभूत सैन्य संतुलन को नहीं बदलेगी। प्रमुख अनुबंधकर्ता लॉकहीड-मार्टिन कंपनी (जॉर्जिया) होगी। अमेरिका ने 2016 में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार घोषित किया था। इसके तहत अमेरिका अपने कई आधुनिक हथियारों को बिना यूएस कांग्रेस की मंजूरी के सीधे भारत को बेंच सकता है।

लगातार भारत अमेरिका में बढ़ रहा सुरक्षा सहयोग
लगातार भारत अमेरिका में बढ़ रहा सुरक्षा सहयोग

पेंटागन के अनुसार इन उपकरणों की प्रस्तवित बिक्री क्षेत्र में मूलभूत सैन्य संतुलन को नहीं बदलेगी। प्रमुख अनुबंधकर्ता लॉकहीड-मार्टिन कंपनी (जॉर्जिया) होगी। अमेरिका ने 2016 में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत को प्रमुख रक्षा साझेदार घोषित किया था। इसके तहत अमेरिका अपने कई आधुनिक हथियारों को बिना यूएस कांग्रेस की मंजूरी के सीधे भारत को बेंच सकता है।

लगातार भारत अमेरिका में बढ़ रहा सुरक्षा सहयोग
लगातार भारत अमेरिका में बढ़ रहा सुरक्षा सहयोग

चीन से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका और भारत में सुरक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के बीच अरबों डॉलर के हथियारों की डील फाइनल हुई है। इस साल जब गणतंत्र दिवस पर डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे तो भारतीय नौसेना के लिए एमएच-60 रोमियो हेलिकॉप्टर की डील फाइनल हुई थी। इसके अलावा भारत ने लद्दाख सीमा की सुरक्षा के लिए चिनूक हैवी लिफ्ट और अपाचे अटैक हेलिकॉप्टरों को भी खरीदा है। भारत ने अमेरिका से जीपीएस गाइडेड बमों की भी खरीद की है।

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