पाकिस्तान के फर्जी पायलटों पर यूरोपीय देशों को भरोसा नहीं, प्रतिबंध हटाने से किया इनकार

इस्लामाबाद
के देशों ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय विमानन सेवा पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स () के परिचालन पर रोक को कायम रखने का फैसला किया है। यूरोपीय यूनियन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि वह लाइसेंस प्रक्रिया तथा सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने के लिए पाकिस्तान के नागरिक विमानन प्राधिकरण की कार्रवाई से असंतुष्ट है। जुलाई 2020 में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने पाकिस्तान में पायलटों के फर्जी लाइसेंस को देखते हुए छह महीने के लिए रोक लगा दी थी।

यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
यूरोपीय आयोग (ईसी) ने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स (पीआईए) से सुरक्षा संबंधी खामियों को दूर करने तथा व्यावसायिक पायलटों को लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया सुधारने को भी कहा। यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) ने जुलाई, 2020 में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में पीआईए के परिचालन के अधिकारों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था।

पाकिस्तानी मंत्री के बयान का दिया हवाला
आयोग ने संसद में पाकिस्तान के नागर विमानन मंत्री के एक भाषण का उल्लेख करते हुए पायलटों को लाइसेंस जारी करने पर चिंता प्रकट की थी। भाषण में कहा गया था कि एक तिहाई पाकिस्तानी पायलटों के पास फर्जी लाइसेंस हैं। मंत्री के बयान से दो दिन पहले 22 मई को कराची हवाई अड्डे के पास पीआईए का एक यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें 97 यात्री मारे गये थे।

पाकिस्तान में 40 फीसदी पायलट फर्जी
कराची प्लेन एक्सीडेंट के बाद से संसद में जांच रिपोर्ट पेश करने के दौरान नागर विमानन मंत्री गुलाम सरवर खान ने कहा था कि पीआईए के 40 फीसदी पायलटों के लाइसेंस फर्जी हैं। पाकिस्तान में कुल 860 कमर्शियल पायलट हैं। मंत्री ने दावा किया था कि जिन पायलटों की जांच की जा रही है, उनकी भर्ती इमरान खान सरकार के कार्यकाल के पहले हुई है।

कई देशों ने पीआईए पर लगाई हुई है रोक
यूरोपीय यूनियन के अलावा दुनियाभर के कई अन्य देशों ने भी पीआईए के उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसमें कुवैत, ईरान, मलेशिया, जॉर्डन और यूएई जैसे मुस्लिम देश भी शामिल हैं। जो पाकिस्तान के पायलटों पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। अमेरिका ने भी पाकिस्तान के फर्जी पायलटों को लेकर चिंता जताई थी।

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