मिलावटी शहद का मामला: सीएसई अपनी रिपोर्ट पर कायम, एफएसएसएआई ने उठाए सवाल

नई दिल्ली
शहद ब्रांडों में मिलावट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (CSE) से जांच का विवरण मांगा है जिसमें शीर्ष 10 शहद ब्रांडों में मिलावट का दावा किया गया है। खाद्य नियामक ने इस बात पर सवाल भी उठाए कि उसके द्वारा निर्धारित परीक्षण क्यों नहीं किए गए। उधर सीएसई अपनी जांच पर कायम है।

एफएसएसएआई ने एक बयान में कहा कि सीएसई ने चावल सिरप मिलावट की जांच के लिए अधिक संवेदनशील चावल सिरप स्पेसिफिक मार्कर (एसएमआर) जांच के बजाय ट्रेस मार्कर फॉर राइस सिरप (टीएमआर) जांच का उपयोग करके मिलावटखोरी को ढूंढ निकाला। की सीएसई द्वारा की गई जांच पर ध्यान देने की बात बताते हुए एफएसएसएआई ने कहा कि उसने एसएमआर परीक्षण को पहले ही अनिवार्य कर दिया था क्योंकि यह शहद में चावल के सिरप की मिलावट का पता लगाने के लिए अधिक केंद्रित परीक्षण है।

सीएसई अपनी रिपोर्ट पर कायमबयान में कहा गया है कि यह स्पष्ट नहीं है कि एसएमआर जैसे कुछ परीक्षण नमूनों पर क्यों नहीं किए गए? इसमें कहा गया है कि एफएसएसएआई ने नमूनों और सीएसई से किए गए परीक्षणों के विवरण देने के लिए अनुरोध किया है। बयान में कहा गया है कि एक बार विवरण उपलब्ध हो जाने के बाद, अपनाई गई जांच पद्धति (प्रोटोकॉल) के बारे में एफएसएसएआई द्वारा उनका विश्लेषण किया जाएगा और भविष्य के लिए परीक्षण पद्धति में आवश्यक किसी भी सुधार का सुझाव दिया जाएगा।

डाबर और पतंजलि का कहना था कि वे जो शहद बेचती हैं, उसमें सभी घरेलू टेस्टिंग मानकों का पूरा पालन किया जाता है। इस बीच सीएसई ने कहा कि वह अपनी जांच रिपोर्ट पर कायम है। संस्था ने एक बयान में कहा कि इन कंपनियों का दावा सच्चाई से परे है और शब्दों की जादूगरी है। उसने साथ ही कहा कि मिलावट का कारोबार परिष्कृत है। एफएसएसएआई ने लैब टेस्टिंग के लिए जो मानक तय किए हैं उनसे मिलावट का पता नहीं लगाया जा सकता है।

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