Kisan Andolan: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

नई दिल्ली
केंद्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार नौंवे दिन शुक्रवार को भी किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। ऐसे में पुलिस ने दिल्ली को हरियाणा और उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग बंद रखे। इसके कारण राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख सीमा बिंदुओं पर यातायात बेहद धीमा रहा। उधर, दिल्ली हरियाणा के सिंघु बॉर्डर से किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। दरअसल, कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने सिंघु बॉर्डर को सील किया हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता रिषभ शर्मा की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली में इमरजेंसी सेवाएं मसलन चिकित्सा सेवा को भी आने में परेशानी हो रही है। बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसानों के कारण लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ रहा है क्योंकि मौजूदा समय में कोरोना बीमारी फैली हुई है और किसानों का जीवन खतरे में पड़ रहा है।

प्रदर्शन करने वालों में कोरोना फैला तो…
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया है कि अगर कोरोना वायरस प्रदर्शन करने वाले लोगों के बीच फैला तो तबाही हो सकती है। याचिकार्ता ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि संबंधित अथॉरिटी को निर्देश देना चाहिए कि वह बॉर्डर ओपन कराएं। याचिकाकर्ता ने कहा कि तय जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क के साथ प्रदर्शन होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का दिया हवाला
याचिकाकर्ता ने सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया और कहा कि पब्लिक प्लेस को नहीं घेरा जा सकता। प्रदर्शन तयशुदा जगह पर होना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि कोरोना का दिल्ली और एनसीआर में खतरा है ऐसे में किसानों को वहां से हटाना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में इमरजेंसी सर्विस से संबंधित लोग दिल्ली आते हैं उन्हें परेशानी हुई है।

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