जूट की बोरियों की तीन लाख गांठों से अधिक के ऑर्डर अटके, बंगाल सरकार ने मिलों पर कार्रवाई की मांग की

कोलकाता, पांच दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार ने बोरियों की कमी से खरीफ फसल की खरीद प्रभावित होने की बात कहते हुए जूट नियामक से मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। सरकार का कहना है कि जूट मिल जानबूझकर बोरियों की आपूर्ति के ऑर्डर को अटकाये हुए हैं। जूट बेलर्स एसोसिएशन के एक अधिकारी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के अलावा हरियाणा, पंजाब, ओडिशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि भी बोरियों की कमी से जूझ रहे हैं। इन राज्यों ने भी जूट आयुक्त से इसका हल निकालने के लिये हस्तक्षेप करने की मांग की है। हालांकि नियामक इसके बाद भी मिलों पर नरम बना हुआ है। उन्होंने कहा कि नवंबर के अंत तक जूट की बोरियों की 3.04 लाख गांठों के ऑर्डर अटके हुए हैं। पश्चिम बंगाल के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक दिसंबर को जूट आयुक्त को पत्र लिखकर जानबूझकर आपूर्ति अटका रहे मिलों के ऊपर कार्रवाई करने की मांग की। उसने कहा कि किसानों से खरीदी जा रही फसलें बोरियों की कमी के कारण खुले में पड़ी हैं। जूट आयुक्त कार्यालय के एक अधिकारी ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हमने मिलों को उनका वादा पूरा करने के लिये कहा है। कीमतें सहमति पर आधारित विधि से तय की गयी हैं। हम इस बारे में गौर करेंगे।’’ मिलों का कहना है कि कच्चे जूट की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पाने के कारण विनिर्माण की गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। हालांकि बेलर्स ने इस आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि सिर्फ उन्हीं मिलों को कच्चे जूट की आपूर्ति रोकी गयी है, जिनके पास बकाया है।

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