ये हैं शामिल
ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच में 10 संगठन शामिल हैं। इनमें इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), हिंद मजदूर सभा (HMS), सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेन्टर (AIUTUC), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (SEWA), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (AICCTU), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (UTUC) शामिल हैं।
काला कृषि कानून वापस लो
इन ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त बयान (Joint Statement) में कहा गया है कि केंद्रीय व्यापार संघों और स्वतंत्र क्षेत्रीय महासंघों तथा संघों के संयुक्त मंच ने ‘‘काले कृषि कानूनों को खत्म करने की मांग कर रहे किसानों के चल रहे एकजुट संघर्ष को तहे दिल से अपना समर्थन’’ जताया है।
यूनियनों ने एकजुटता पर जताया संतोष
संयुक्त मंच ने इस बात पर संतोष जताया कि 27 नवंबर, 2020 से, पूरे देश में सभी राज्यों में किसानों के जारी संघर्षों के साथ, मजदूरों और कर्मचारियों और उनकी यूनियनों ने एकजुटता दिखाते हुए कई विरोध प्रदर्शनों को आयोजित करने में पूरी तरह से सक्रिय रहे हैं। उन्होंने यह विरोध प्रदर्शन कई राज्य सरकारों की पुलिस द्वारा गिरफ्तारियों और डराने धमकाने के बावजूद किया। इस संयुक्त मंच ने किसान संगठनों के साझा मंच द्वारा देशव्यापी संघर्ष को तेज करने के दृढ़ संकल्प का स्वागत किया है तथा आठ दिसंबर, 2020 को भारत बंद के उनके आह्वान को सभी समर्थन प्रदान किया गया है।