नौकरी डॉट कॉम के संस्थापक बिखचंदानी ने कहा, विदेशी कोष भारतीय स्टार्टअप का उपनिवेशीकरण कर रहे हैं

नयी दिल्ली, छह दिसंबर (भाषा) नौकरी डॉट कॉम और जोमैटो के निवेशक ने कहा कि विदेशी कोष नई ईस्ट इंडिया कंपनी बन गई हैं, जो भारत में सफल स्टार्टअप का उपनिवेशीकरण कर रही हैं और भारतीय नियमन और करों से बचने के लिए स्वामित्व विदेश में स्थानांतरित कर रही हैं। शायद यह पहली बार है कि किसी भारत के किसी महत्वपूर्ण स्टार्टअप उद्यमी ने ‘फ्लिपिंग’ के खिलाफ मुखर आवाज उठाई है। संजीव बिखचंदानी ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक युवा उद्यमियों को अपनी कंपनी विदेशी निवेशकों के हाथों स्थानांतरित करने को मजबूर करके करीब 17 लाख करोड़ रुपये का बाजार पूंजीकरण विदेश में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ईस्ट इंडिया कंपनी के तरह की स्थिति यहां है- भारतीय बाजार, भारतीय ग्राहक, भारतीय डेवलपर्स, भारतीय कार्यबल। फिर भी 100% विदेशी स्वामित्व, विदेशी निवेशक। आईपी और डेटा विदेशों में स्थानांतरित हो गए हैं। मूल्य निर्धारण के मुद्दों को धूमिल करें। मूल्य हस्तांतरण का मुद्दा अंधकारमय है।’’ उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत से धन का संस्थागत रूप से स्थानांतरण हो रहा है, जबकि भारतीय बाजार और भारतीय श्रम की स्थिति कुछ-कुछ कंपनी राज के दिनों की तरह है। उन्होंने कहा भारतीयों द्वारा बनाई गई बौद्धिक संपदा का वैश्विक शोषण हो रहा है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ऐसे मुनाफे पर भारत सरकार को कर??? भारतीय निवेशक बाहर हो गए।’’ बिखचंदानी की बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी इंफोएज के पास नौकरी डॉट कॉम, विवाह साइट जीवनसाथी डॉट कॉम और रियल एस्टेट सर्च इंजन 99एकड़ डॉट कॉम का स्वामित्व है। उन्होंने कहा कि फ्लिपिंग भारतीय कंपनियों को बेगाना बना रही है। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आप एक भारतीय स्टार्टअप को लेते हैं और इसके सभी शेयरों का स्वामित्व एक विदेशी कंपनी को हस्तांतरित करते हैं, जो आमतौर पर सिर्फ इस मकसद के लिए बनाई जाती है। इस तरह भारतीय कंपनी एक विदेशी संस्था के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन जाती है।’’

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