मिस्र: गीजा के Great Sphinx 4,500 साल नहीं, और भी ज्यादा पुराने? एक थिअरी जो बदल सकती है इतिहास

मिस्र
मिस्र के एक इन्वेस्टिगेटर ने ऐसी थिअरी दी है जिससे और हमेशा के लिए बदल सकता है। गीजा की यह ऐतिहासिक इमारत शेर के शरीर पर इंसानी सिर लगी एक आकृति है। यह गीजा में पठारी के इलाके में नील नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है और माना जाता है कि फिरौन खफरे की रक्षा के लिए इसे बनाया गया था।

‘देखा गया जलीय कटाव’
यह मिस्र की सबसे पुरानी आकृति है और माना जाता है कि इसे 4,500 साल पहले डिजाइन की गई और बनाई गई थी। लेखक और रिसर्चर Anyextee ने अपने यूट्यूब चैनल पर अलग ही थिअरी दी है। उनका कहना है कि दरअसल यह आकृति और भी ज्यादा पुरानी है। उन्होंने मिस्र मामलों के जानकार आरए श्वॉलर डि लूबिक्ज के हवाले से दावा किया है कि यहां पर जलीय कटाव देखा गया है।

‘हाल में नहीं हुई ऐसी बारिश’
उन्होंने कहा कि अमेरिकी लेक्चरर और गाइड जॉन ऐंथनी वेस्ट ने श्वॉलर की खोज के नतीजों को समझा। दरअसल, मिस्र में बारिश बहुत कम होती है, साल में दो से चार इंच। यहां ऐसे निशान छोड़ने वाली बारिश पांच-छह हजार साल से नहीं हुई है। इसलिए अगर यहां पानी के ऐसे निशान हैं तो इसका मतलब है कि यह और भी ज्यादा पुराना है। इससे इतिहास से जुड़े दावे बदलने की जरूरत पड़ सकती है।


’10 हजार ईसा पूर्व का है ढांचा’
जॉन ने बॉस्टन यूनिवर्सिटी के डॉ. रॉबर्ट शॉश के साथ मिलकर 1990 और 1991 में यहां का दौरा किया। शॉश ने भी जॉन की थिअरी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि Sphinx 2500 ईसा पूर्व नहीं, कम से कम 10,000 ईसा पूर्व का है। उन्होंने कहा कि यहां जो निशान पाए गए हैं वे पिछले 5000 साल में जैसे हालात सहारा में थे, उनमें नहीं बन सकते थे। उन्होंने दावा किया कि ये निशान बारिश के थे, नील नदी में आई बाढ़ के नहीं।

हालांकि, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस के पीटर ग्रीन ने वेस्ट की रिसर्च की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि वेस्ट की थिअरी को सहारा देने के लिए कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है। वहीं, मशहूर पुरातत्वविद मार्क लेनर ने भी कहा है कि पानी के निशान जैसे आधार पर पूरे इतिहास को गलत नहीं ठहराया जा सकता।

(Source: Express)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *