SpaceX का रॉकेट क्रैश लेकिन टूटा नहीं है मंगल पर जाने का Elon Musk का सपना, तैयार खड़ा है 'जखीरा'

टेस्ला कंपनी के मालिक Elon Musk का अंतरिक्ष प्रेम किसी से छिपा नहीं है। शायद यही वजह थी कि जब मंगल पर जाने के लिए तैयार किया जा रहा मस्क की कंपनी SpaceX का स्टारशिप रॉकेट SN8 क्रैश हो गया, तो समझा जाने लगा कि मस्क को कितना बड़ा झटका लगा होगा। हालांकि, जब एक्सपेरिमेंट्स किए जाते हैं तो उनमें असफलता की आशंका भी होती है और इसके लिए SpaceX तैयार थी। यहां जानते हैं कि आखिर क्यों SN8 के क्रैश होने से मंगल पर जाने का मस्क का सपना टूटा नहीं है-

SpaceX SN8 Rocket Crash: टेस्ला के मालिक Elon Musk की कंपनी SpaceX का स्टारशिप रॉकेट SN8 क्रैश हो गया है। हालांकि, अभी मंगल पर जाने की उनकी उम्मीद टूटी नहीं है। सीरीज के अगले रॉकेट तैयार खड़े हैं।

SpaceX का रॉकेट क्रैश लेकिन टूटा नहीं है मंगल पर जाने का Elon Musk का सपना, तैयार खड़ा है 'जखीरा'

टेस्ला कंपनी के मालिक Elon Musk का अंतरिक्ष प्रेम किसी से छिपा नहीं है। शायद यही वजह थी कि जब मंगल पर जाने के लिए तैयार किया जा रहा मस्क की कंपनी SpaceX का स्टारशिप रॉकेट SN8 क्रैश हो गया, तो समझा जाने लगा कि मस्क को कितना बड़ा झटका लगा होगा। हालांकि, जब एक्सपेरिमेंट्स किए जाते हैं तो उनमें असफलता की आशंका भी होती है और इसके लिए SpaceX तैयार थी। यहां जानते हैं कि आखिर क्यों SN8 के क्रैश होने से मंगल पर जाने का मस्क का सपना टूटा नहीं है-

बंद नहीं मंगल की राह
बंद नहीं मंगल की राह

भले ही SN8 क्रैश हो गया हो कंपनी के लिए मंगल की राह बंद नहीं हुई है। दरअसल, SpaceX के SN सीरीज के अगले रॉकेट न सिर्फ तैयार हैं बल्कि जल्द ही उनका लॉन्च भी जल्द ही किया जा सकता है। इसमें सबसे आगे है स्टारशिप SN9 जो पूरी तरह से असेंबल किया जा चुका है और हाई बे 4 पर निकलने के लिए तैयार है। इसे विकसित करने का काम काफी वक्त से चल रहा था। जानकारी के मुताबिक इसका आकार SN8 जैसा ही है।

आगे की क्या तैयारी?
आगे की क्या तैयारी?

आपको बता दें कि SN8 SpaceX पूरी तरह से दोबारा इस्तेमाल होने लायक बने लॉन्च सिस्टम का हिस्सा था जिन्हें दूसरे ग्रहों पर भेजा जा सकता था। SN8 से उलट SN9 में Nose cone हाई बे के अंदर ही लगा दिया गया। NASA Spaceflight.com के मुताबिक इसकी वजह से SN9 को अपनी टेस्ट फ्लाइट के लिए तैयार होने के लिए सिर्फ एक या दो स्टेटिक फायर टेस्ट चाहिए होंगे। सिर्फ SN9 ही नहीं, SN10 और SN11 मिड बे में तैयार खड़े हैं जबकि SN16 तक प्रोडक्शन साइट पर पहुंच चुके हैं।

इस लॉन्च से क्या हुआ हासिल?
इस लॉन्च से क्या हुआ हासिल?

भले ही SN8 पूरी तरह से सफल न रहा हो, यह पूरी तरह से विफल भी नहीं हुआ है। दरअसल, कंपनी का जहाज अपनी सर्वाधिक ऊंचाई 12.5 किमी छूने में कामयाब रहा जो एक बड़ा पड़ाव होता है। माना जा रहा था कि पहले से ही इसकी लैंडिंग को लेकर आशंका थी लेकिन बावजूद इसके सफलतापूर्वक टेक-ऑफ, नीचे उतरने की प्रक्रिया और फ्लिप को लेकर अहम डेटा हाथ लग है। इसका इस्तेमाल आने वाले मिशन पर किया जाएगा।

मस्क ने बताई क्रैश की वजह
मस्क ने बताई क्रैश की वजह

मस्‍क ने उड़ान के कुछ मिनट बाद ही ट्वीट करके कहा था, ‘मंगल ग्रह, हम आ रहे हैं।’ हालांकि, उन्‍होंने बाद में कहा कि रॉकेट बहुत तेजी से लैंड कर रहा था, इस‍ वजह से इसमें विस्‍फोट हो गया। उन्‍होंने इस रॉकेट के सफल हिस्‍से को याद किया और कहा कि स्‍टारशिप रॉकेट ने टेकऑफ किया और उड़ान के दौरान अपनी स्थिति को बदला और लैंडिंग के लिए यह ठीक-ठीक प्रक्षेपण पथ में आ गया था।

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