आर्टिकल 370 से किसान आंदोलन… रहमान, फैसल और अब लखविंदर ने छोड़ी सरकारी नौकरी

नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान संगठनों के आंदोलन को राजनीतिक दलों से इतर अभिनेताओं, गायकों और खिलाड़‍ियों का समर्थन मिला है। पंजाब-हरियाणा से आने वाले अधिकतर सिलेब्रिटीज किसान आंदोलन के पक्ष में आवाज उठा चुके हैं। इस आंदोलन में कई रिटायर्ड ब्‍यूरोक्रेट्स, डॉक्‍टर्स और सैनिक शामिल हैं जो विभिन्‍न संगठनों से जुड़े हुए हैं। इस बीच, पंजाब के निलंबित डीआईजी (जेल) लखविंदर सिंह जाखड़ ने किसान आंदोलन के समर्थन में इस्‍तीफे की पेशकश की है। लखविंदर को भ्रष्‍टाचार से जुड़े एक मामले में कुछ महीने पहले निलंबित किया गया था।जाखड़ का इस्‍तीफा मंजूर नहीं हुआ है मगर उन्‍होंने इच्‍छा जताई है कि वे किसानों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे। किसी आंदोलन के लिए या सरकारी व्‍यवस्‍था के विरोध में इस्‍तीफा देने वाले अधिकारियों की एक लंबी फेहरिस्‍त रही है। कई अधिकारी तो बेहतर भविष्‍य के लिए सरकारी नौकरी को ठोकर मार देते हैं तो कुछ राजनीति में उतर जाते हैं। हाल के दिनों में चर्चा में रहे ऐसे ही कुछ अधिकारियों पर एक नजर।

Punjab DIG Prision Lakhwinder Singh Jakhar resigns: पंजाब पुलिस के वरिष्‍ठ अधिकारी लखविंदर सिंह जाखड़ ने प्रमुख सचिव (गृह) को अपना इस्‍तीफा भेज दिया है। उन्‍होंने कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन का हिस्‍सा बनने की इच्‍छा जताई है।

किसानों के समर्थन में पंजाब डीआईजी का इस्‍तीफा, ये अधिकारी भी सरकारी नौकरी को मार चुके ठोकर

नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान संगठनों के आंदोलन को राजनीतिक दलों से इतर अभिनेताओं, गायकों और खिलाड़‍ियों का समर्थन मिला है। पंजाब-हरियाणा से आने वाले अधिकतर सिलेब्रिटीज किसान आंदोलन के पक्ष में आवाज उठा चुके हैं। इस आंदोलन में कई रिटायर्ड ब्‍यूरोक्रेट्स, डॉक्‍टर्स और सैनिक शामिल हैं जो विभिन्‍न संगठनों से जुड़े हुए हैं। इस बीच, पंजाब के निलंबित डीआईजी (जेल) लखविंदर सिंह जाखड़ ने किसान आंदोलन के समर्थन में इस्‍तीफे की पेशकश की है। लखविंदर को भ्रष्‍टाचार से जुड़े एक मामले में कुछ महीने पहले निलंबित किया गया था।

जाखड़ का इस्‍तीफा मंजूर नहीं हुआ है मगर उन्‍होंने इच्‍छा जताई है कि वे किसानों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे। किसी आंदोलन के लिए या सरकारी व्‍यवस्‍था के विरोध में इस्‍तीफा देने वाले अधिकारियों की एक लंबी फेहरिस्‍त रही है। कई अधिकारी तो बेहतर भविष्‍य के लिए सरकारी नौकरी को ठोकर मार देते हैं तो कुछ राजनीति में उतर जाते हैं। हाल के दिनों में चर्चा में रहे ऐसे ही कुछ अधिकारियों पर एक नजर।

‘किसान भाइयों’ के साथ खड़े होना चाहते हैं डीआईजी लखविंदर सिंह
'किसान भाइयों' के साथ खड़े होना चाहते हैं डीआईजी लखविंदर सिंह

लखविंदर सिंह ने पंजाब के प्रमुख सचिव (गृह) को इस्‍तीफे की चिट्ठी भेज दी है। उन्‍होंने लिखा है, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं कृषि कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे अपने किसान भाइयों के साथ हूं। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।”

नागरिकता कानून में बदलाव पर IPS अब्‍दुर रहमान ने छोड़ दी थी नौकरी
नागरिकता कानून में बदलाव पर IPS अब्‍दुर रहमान ने छोड़ दी थी नौकरी

महाराष्‍ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अब्‍दुर रहमान ने पिछले साल नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में इस्‍तीफा दे दिया था। उन्‍होंने प्रस्‍तावित कानून को ‘संविधान के मूल ढांचे’ के खिलाफ बताते हुए नौकरी छोड़ी थी। इस्‍तीफे के वक्‍त मुंबई में तैनात रहे रहमान ने बिल के राज्‍यसभा से पास होते ही इस्‍तीफा ट्वीट कर दिया था।

IAS शाह फैसल ने नौकरी छोड़ी, फिर बन गए नेता
IAS शाह फैसल ने नौकरी छोड़ी, फिर बन गए नेता

2010 में सिविल सेवा परीक्षा टॉप करके पूरे देश में मशहूर होने वाले जम्‍मू और कश्‍मीर के शाह फैसल ने पिछले साल जनवरी में नौकरी छोड़ दी थी। फेसबुक पर अपने इस्‍तीफे की घोषणा करते हुए उन्‍होंने इसके पीछे ‘कश्‍मीर में हो रही हत्‍याओं’ और ‘केंद्र सरकार के कोई गंभीर प्रयास न करने’ को वजह बताया था। फैसल ने ‘देश के 20 करोड़ मुस्लिमों को हिंदुओं के आगे दोयम दर्ज का नागरिक बनाने की कोशिश’ जैसी बात भी लिखी थी। शाह फैसल पहले भी अपने बयानों की वजह से विवादों में रहे थे। इस्‍तीफे के बाद शाह फैसल ने राजनीति का रुख किया है।

कन्नन गोपीनाथन ने 370 के मुद्दे पर दिया था इस्‍तीफा
कन्नन गोपीनाथन ने 370 के मुद्दे पर दिया था इस्‍तीफा

आईएएस अधिकारी रहे कन्‍नन गोपीनाथन 2018 में पूरे देश में तारीफें बटोर रहे थे। केरल में आई बाढ़ के दौरान उनके काम की हर तरफ तारीफ हुई। लेकिन जब केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्‍छेद 370 में संशोधन का फैसला किया और जम्‍मू-कश्‍मीर को मिला विशेष दर्जा खत्‍म कर दिया तो गोपीनाथन ने विरोध में इस्‍तीफा दे दिया। वह जम्‍मू-कश्‍मीर में लगाए गए प्रतिबंधों की खुलकर मुखालफत कर रहे थे और सरकार के साथ कुछ हफ्तों तक उनका टकराव भी चला।

गोपीनाथन के बाद सेंथिल ने भी IAS छोड़ा, अब कांग्रेसी
गोपीनाथन के बाद सेंथिल ने भी IAS छोड़ा, अब कांग्रेसी

कन्‍नन गोपीनाथन के इस्‍तीफे के बाद IAS शशिकांत सेंथिल ने भी जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले पर इस्‍तीफा दे दिया था। उन्‍होंने अपने इस्‍तीफे में लिखा था, ”मेरे लिए ऐसे समय पर प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम करते रहना अनैतिक होगा जब हमारे समृद्ध लोकतंत्र के मौलिक आधारभूत स्तंभों से समझौता किया जा रहा है।” बाद में सेंथिल ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था।

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