केंद्रीय मंत्री (Nitin Gadkari) का कहना है कि भारत चीन से बहुत सारी वस्तुओं का आयात कर रहा है और भारतीय उद्योगों को गुणवत्ता तथा कीमत से समझौता किए बिना विभिन्न देशों से आने वाले आयात के स्वदेशी विकल्प खोजने चाहिए। एमएसएमई और सड़क परिवहन मंत्री ने फिक्की के वार्षिक अधिवेशन को संबोधित करते हुए आयात घटाने और निर्यात बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।
गडकरी ने कहा कि इससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में मदद मिल सकती है और जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़कर 30 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले चुंबक का उदाहरण देते हुए कहा कि उद्योग के विशेषज्ञों को यह अध्ययन करना चाहिए कि भारत किन वस्तुओं का आयात कर रहा है।
स्वदेशी विकल्प
गडकरी ने कहा, ‘अब चुंबक जैसी बहुत सारी चीजें हम चीन से आयात कर रहे हैं। मैं एक व्यापारी या व्यवसाय विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन मैं इलेक्ट्रिक कारों, ई-बाइक, इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा और यहां तक कि इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए एक बड़ी संभावना देख रहा हूं।’ उन्होंने व्यावसायिक विशेषज्ञों से कहा कि वे घरेलू मोटर वाहन उद्योग के साथ विचार-विमर्थ करें कि चुंबक और लीथियम आयन बैटरी जैसे किन उत्पादों का आयात किया जा रहा है। गडकरी ने कहा, ‘हमें गुणवत्ता और लागत के साथ समझौता किए बिना देश में आयात के स्वदेशी विकल्पों का पता लगाना चाहिए।’
बाजार में नकदी बढ़ाने की जरूरत का उल्लेख करते हुए गडकरी ने कहा, ‘मुझे पता है कि कुछ समस्याएं हैं। आरबीआई के पास बैंकों ने नौ लाख करोड़ रुपये जमा किए हैं, जिस पर दो प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। हम कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री उनसे कह रहे हैं कि इसका लोगों के लिए इस्तेमाल करें, लोगों का वित्तपोषण करें।’ उन्होंने कहा कि सरकार इथेनॉल जैसे जैव ईंधनों को बढ़ावा दे रही है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ें।