मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रॉजेक्ट विंध्य कॉरिडोर पर काम शुरू हो चुका है। आने वाले दिनों मे मां के भक्तों को सुंदर-सुसज्जित विन्ध्यांचल धाम देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए धाम के निवासी भी पूरी तरह उनके साथ हैं। पिछले 2 दिनों में कॉरिडोर के लिए 7 लोग अपने दुकान और मकान की रजिस्ट्री कर चुके हैं। इसके अलावा दो लोगों ने अपनी जमीन दान की है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ की तर्ज पर 331 करोड़ की लागत से विंध्य कॉरिडोर का निर्माण किया जाना है। इसके तहत मां विध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट का परिक्रमा पथ बनेगा। इसकी जद में कुल 92 दुकान और मकान आ रहे हैं। इसमें 10 सरकारी भवन हैं और बाकी 82 मकान और दुकान हैं। यह पूरा काम शासन की तरफ से नामित नोडल अधिकारी और विशेष सचिव पर्यटन शिवपाल सिंह की निगरानी में हो रहा है। दुकानों व जमीन की रजिस्ट्री राज्यपाल के नाम पर की जा रही है।
दत्तात्रेय का मंदिर भी किया दान
नगर मजिस्ट्रेट जगदंबा सिंह ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि मां विंध्यवासिनी परिक्रमा पथ के लिए पहले दिन धाम के निवासी और पुरोहित मणिशंकर मिश्रा और राधेश्याम चौरसिया ने अपनी दो-दो दुकानों की रजिस्ट्री कराई है। दूसरे दिन नेम नारायण मिश्रा और उद्धव नारायण मिश्रा ने अपनी दुकान की रजिस्ट्री करने के साथ ही मंदिर परिसर में दत्तात्रेय के मंदिर को भी दान कर दिया है।
पर्यटन के साथ बढ़ेगा रोजगार
गौरतलब है कि मां विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ 50 फीट की सड़कों का निर्माण करने के साथ त्रिकोण पथ में आने वाले कालीखोह और अष्टभुजा मंदिर क्षेत्र का भी विकास किया जाएगा। योगी सरकार की मंशा है कि कॉरिडोर बनने से विंध्य क्षेत्र में पर्यटन का विकास हो ताकि यहां देश-विदेश से और ज्यादा पर्यटक आएं। साथ ही लोगों को रोजगार के साधन भी मुहैया होंगे।