बिहार के सिवान में फाइनेंशियल कंपनी (Finance Company Loot Case) के दफ्तर में हुई 10 लाख की लूट में पुलिस को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। इस मामले में पुलिस फाइनेंशियल कंपनी के कर्मचारियों से लगातार पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है कि शनिवार को पुलिस ने इस मामले में कई स्थानों पर छापेमारी किया है। दरअसल, शहर के बीचों बीच राजेंद्र पथ पर हुई इस लूटकांड से शहर के व्यवसायियों में दहशत है। पुलिस ने भी इसे चुनौती के रूप में लिया है। यही वजह है कि एसपी अभिनव कुमार तकनीकी पहलुओं से भी मामले की जांच करा रहे हैं।
SFL की टीम ने यूनिमोनी के दफ्तर से लिया नमूना
लूटकांड के बाद पुलिस ने यूनिमोनी के दफ्तर को सील कर दिया था। शनिवार को पटना से SFL की टीम घटना स्थल पर पहुंच कर नमूना एकत्रित किया। फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट ने लॉकर और बाकी जगहों से अपराधियों के फिंगरप्रिंट की तस्वीरें ली हैं। इसकी मदद से पुलिस अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश करेगी।
सोने वाला लॉकर खुल जाता तो करोड़ों की होती लूट
यूनिमोनी के दफ्तर से अपराधियों ने करीब 10 लाख रुपए लूट लिए, लेकिन लूट इससे कहीं बड़ी हो सकती थी। गनीमत रही कि सोना और जेवर वाला लॉकर नहीं खुल सका। वरना लूट की रकम करोड़ों में जाती। वहीं पुलिस को इसमें आसपास के किसी लाइनर के होने की आशंका है। दरअसल घटना के वक्त फाइनेंस कंपनी के दफ्तर में तैनात रहने वाला सुरक्षा गार्ड किसी काम से बाहर गया था। अपराधियों को इस बात की जानकारी थी। इतना ही नहीं उन्होंने कर्मियों को इमरजेंसी अलार्म बजाने तक का मौका नहीं दिया।
लूट के बाद अपराधी सीसीटीवी का डीवीआर भी ले गएशुक्रवार को हुई इस लूट की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी बड़े आराम से वहां से फरार हो गए। इस दौरान उन्होंने फाइनेंस कंपनी के स्टॉफ और ग्राहकों को लॉकर रूम में बंद कर दिया था। इतना ही नहीं सबके हाथ से मोबाइल भी छिन लिया और जाते-जाते दफ्तर में लगे सीसीटीवी का डीवीआर भी अपने साथ लेकर चले गए। ब्रांच मैनेजर विनोद कुमार ने बताया कि सभी अपराधियों के पास पिस्तौल था। सबसे बड़ी बात कि फाइनेंस कंपनी का दफ्तर पहली मंजिल पर है। नीचे कई दुकानें हैं और पास में हमेशा पुलिस भी रहती है।