किसान आंदोलन पर कनाडा के बयान, कई पूर्व राजनयिकों की खुली चिट्ठी, जस्टिन ट्रूडो पर साधा निशाना

नई दिल्ली
भारत में चल रहे किसान आंदोलन को कनाडा में समर्थन मिलने और वहां के शीर्ष नेताओं की ओर से जारी किये गये बयानों पर विवाद और बढ़ गया है। अब भारत के कई पूर्व डिप्लोमैट ने एक ओपेन लेटर लिखकर कनाडा के इस रवैये की कड़ी निंदा की है। साथ में ही इसमें कई बेहद गंभीर और संवेदनशील आरोप भी लगा

22 पूर्व उच्चायुक्तों ने साधा कनाडा पर निशाना
सोमवार को कनाडा में रहे भारत पूर्व उच्चायुक्त विष्णु प्रकाश सहित 22 पूर्व उच्चायुक्तों ने यह खत जारी करते हुए कहा कि कनाडा में भारतीय मूल के 5 फीसदी लोग वहां रहते हैं और सालों से दोनों देशों के बीच बेहतर परस्पर संबंध रहा जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे का सम्मान किया। लेकिन हाल में कुछ खलिस्तान समर्थक वहां राजनीतिक रूप से मुखर हो रहे हैं जो कनाडा में कुछ राजनेताओं को प्रभावित करने में सफल रहते हैं। गंभीर आरोप लगाया गया कि खलिस्तान समर्थकों को वहां पाकिस्तान डिप्लोमैट का खुला समर्थन मिलता है जिसपर कनाडा सरकार आंख मूंदे रहती है। इसमें कनाडा के पीएम के बयान की निंदा करते हुए लिखा गया कि भारत की अंदरूनी राजनीति पर टिप्पणी गलत परंपरा थी। साथ ही चेताया गया कि कनाडा में वोट बैंक की राजनीति से प्रभावित यह बर्ताव उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर गलत नाम देगा।

विदेश मंत्रालय भी जता चुका है विरोध
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भी औपचारिक तौर पर किसान आंदोलन को समर्थन देने और इस मामले में कनाडा के पीएम
जस्टिन ट्रूडो सहित दूसरे नेताओं के बयान पर बहुत ही तीव्र विरोध जताया था और कनाडा के उच्चायुक्त को तलब तक किया था। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि अगर यह जारी रहा तो इससे दोनों देशों के बीच परस्पर संबंधों को गंभीर रूप से क्षति पहुंचेगा। भारत ने कहा था कि किसानों के मुददे पर कनाडा के नेताओं की ओर से दिये गये बयान की वजह से कनाडा में भारतीय मिशन के सामने भीड़ जमा होने का खतरा बढ़ा जिससे सुरक्षा का मसला उठा।

ट्रूडो ने के बयानों से बढ़ा विवाद
मालूम हो कि कनाडा पीएम ने भारत में किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि कनाडा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का हमेशा हिमायती रहा है। गुरुनानक देव की 551वीं जयंती के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान ट्रूडो ने कहा था कि हालात बेहद चिंताजनक हैं और हम परिवार तथा दोस्तों को लेकर परेशान हैं और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा।’ दरअसल कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं, जिनमें अधिकतर पंजाब से हैं। इससे पहले कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन ने भी स्थिति को लेकर चिंता जताई थी।

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