बिहार: तेरे संग जीना यहां… तेरे संग मर जाना, जब एक साथ जली पति-पत्नी की चिताएं

पश्चिम चंपारण: बिहार के बगहा में शनिवार को कुछ ऐसा हुआ कि लोग दुखी होने के साथ हैरान भी रह गए। इलाके के ही पूर्व मुखिया और उनकी पत्नी ने एक साथ घर से विदाई ली। घर से जब एक साथ दोनों की अर्थी निकली तो पूरा गांव गमगीन हो गया। हर किसी की आंख में आंसू थे। लोग यही सोच रहे थे कि इस जोड़ी को देखिए, शादी के मंडप में एक साथ जीने मरने की न सिर्फ कसम खाई बल्कि एक साथ दुनिया छोड़ भी दी।

आपने फिल्मों में देखा होगा कि कई बार जोड़ियां एक दूसरे के साथ जिंदगी की डोर को तोड़ दुनिया छोड़ जाती हैं। लेकिन ऐसा ही अगर रील लाइफ की जगह सच में हो तो। बिहार में कुछ ऐसा ही हुआ है। जानिए तस्वीरों में ये कहानी… तेरे संग जीना यहां, तेरे संग मर जाना

बिहार: तेरे संग जीना यहां... तेरे संग मर जाना, जब एक साथ जली पति-पत्नी की चिताएं

पश्चिम चंपारण: बिहार के बगहा में शनिवार को कुछ ऐसा हुआ कि लोग दुखी होने के साथ हैरान भी रह गए। इलाके के ही पूर्व मुखिया और उनकी पत्नी ने एक साथ घर से विदाई ली। घर से जब एक साथ दोनों की अर्थी निकली तो पूरा गांव गमगीन हो गया। हर किसी की आंख में आंसू थे। लोग यही सोच रहे थे कि इस जोड़ी को देखिए, शादी के मंडप में एक साथ जीने मरने की न सिर्फ कसम खाई बल्कि एक साथ दुनिया छोड़ भी दी।

सीने में दर्द के बाद पूर्व मुखिया की मौत
सीने में दर्द के बाद पूर्व मुखिया की मौत

मधुबनी प्रखंड के मधुबनी पंचायत के पूर्व मुखिया विश्वनाथ सिंह की शनिवार की दोपहर तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें आनन-फानन में नजदीकी पडरौना के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान ही उनकी मौत हो गई। पति की मौत की खबर सुनते ही उनकी पत्नी हेमा सिंह जो कि खुद भी पूर्व मुखिया हैं, उनकी भी शनिवार की देर शाम तबीयत बिगड़ गई।

पति के दाह संस्कार से पहले पत्नी ने भी तोड़ा दम
पति के दाह संस्कार से पहले पत्नी ने भी तोड़ा दम

पूर्व मुखिया हेमा सिंह की तबीयत बिगड़ते ही घरवाले उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उनके पति विश्वनाथ सिंह के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। लेकिन उससे पहले ही पत्नी हेमा सिंह ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

पति-पत्नी की मौत ने गांव को झकझोरा
पति-पत्नी की मौत ने गांव को झकझोरा

इलाके में जिसे भी इस घटना के बारे में पता चला वो सन्न रह गया। हर किसी की जुबान पर यही सवाल था कि ऐसा तो किस्से या फिर प्रेम कहानियों में सुना था। विश्वनाथ और हेमा की मौत के बाद उनके घर के बाहर पूरा गांव इकट्ठा हो गया। हर किसी की आंख में आंसू थे।

एक साथ जली पति-पत्नी की चिता
एक साथ जली पति-पत्नी की चिता

इस दर्दनाक घटना के बाद घर के लोगों ने तय किया कि अगर पति-पत्नी ने एक साथ दुनिया छोड़ी है तो उन्हें विदा भी एक साथ ही किया जाएगा। जिसे भगवान ने अलग नहीं किया, उन्हें अलग करने वाले इंसान कौन होते हैं। गांव से पति विश्वनाथ सिंह और पत्नी हेमा सिंह की अर्थी एक साथ उठी और एक साथ ही दोनों को गंडक नदी के तट पर दाह-संस्कार कर आखिरी विदाई दी गई। लेकिन एक साथ दुनिया छोड़ने की ये कहानी इलाके में अमर हो गई।

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