बेजुबानों की 'हत्‍या' के लिए सरपट दौड़ी कंगाल इमरान सरकार, कतर के शेखों से किया 'सौदा'

इस्‍लामाबाद
कंगाली की स्थिति से गुजर रही पाकिस्‍तान की इमरान खान सरकार अब बेजुबानों पक्ष‍ियों की हत्‍या से पैसा कमाने में जुट गई है। वह भी तब जब खुद प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्‍ता से बाहर रहते समय इसका विरोध किया था। पाकिस्‍तान सरकार ने कतर के शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और उनके परिवार के 14 अन्‍य लोगों को हुबारॉ पक्षियों के शिकार की अनुमति द‍िया है। पाकिस्‍तान को उम्‍मीद है कि इससे उसे करोड़ों रुपये की कमाई हो सकती है।

पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तान में जहां आधिकारिक फाइलों के पास होने में कई-कई दिन लग जाते हैं, वहीं कतर के शेख परिवार को मात्र 5 दिन में ही शिकार करने की अनुमति दे दी गई। माना जा रहा है कि यह कतर का प्रभाव और पैसे की ताकत था जिसने इमरान खान सरकार को सरपट दौड़ने के लिए मजबूर कर दिया। सूत्रों के मुताबिक ज‍िन अन्‍य शिकारियों को शिकार करने की अनुमति दी गई, उसमें कतर के अमीर के पिता, भाई, पीएम तथा शाही परिवार के अन्य सदस्‍य शामिल हैं।

भगोड़े सऊदी प्रिंस को भी शिकार करने की अनुमति
इससे पहले सऊदी अरब के अरबों डॉलर के कर्ज के पहाड़ तले दबे पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान को अपने देश में बेजुबानों की हत्‍या करने की अनुमति दे दी थी। इमरान सरकार ने सऊदी प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान और उनके शाही परिवार से जुड़े दो अन्‍य सदस्‍यों को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर संरक्षित हुबारॉ या तिलोर पक्षियों के शिकार की स्‍वीकृति दी थी। प्र‍िंस मोहम्‍मद बिन सलमान के दबाव का आलम यह था कि इमरान खान सरकार ने एक भगोड़े सऊदी प्रिंस को भी शिकार करने की अनुमति दी थी जिसने पिछले साल फीस का पैसा भी नहीं दिया था।

मध्‍य एशियाई देशों में पाए जाने वाले हुबारॉ पक्षी भीषण ठंड से बचने के लिए पाकिस्‍तान में शरण लेते हैं और अब इमरान सरकार ने एक बार फिर से इन्‍हीं बेजुबानों की जान का कतर के अमीर से भी सौदा कर लिया है। हुबारा पक्षियों की तादाद बहुत तेजी से कम होती जा रही है और न केवल दुनियाभर में बल्कि पाकिस्‍तान में भी इसका शिकार वर्जित है। सूत्रों के मुताबिक इमरान खान जब सत्‍ता में नहीं थे तब वह हुबारॉ पक्षियों के शिकार को अनुमति देने का विरोध करते थे और खैबर पख्‍तूनख्‍वा में शिकार की अनुमति नहीं दी थी जहां पर उनकी पार्टी का शासन था। हालांकि अब इमरान खान ने अपने फैसले को पलटते हुए सऊदी प्रिंस और कतर के अमीर को हुबारॉ पक्षियों के शिकार की अनुमति दे दी है।

बेजुबानों की हत्‍या से इमरान सरकार भरेगी खजाना
पाकिस्‍तान के बलूचिस्तान प्रांत को शिकार के हर सीज़न में कम से कम 2 अरब रुपये की कमाई होती है। इससे पहले वर्ष 2014 में पाकिस्‍तान की एक अदालत ने बाज के निर्यात और हुबारॉ के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया था तो सऊदी अरब और यूएई के साथ उसके संबंध रसातल में चले गए थे। भारी तनाव के बाद पाकिस्‍तान सरकार झुक गई थी। हुबारॉ या तिलोर पक्षी शर्मीला लेकिन बेहद खूबसूरत होता है और आकार में टर्की चिड़िया जैसा दिखाई देता है। पिछले चार दशकों से भी ज़्यादा समय से पाकिस्तान अरब देशों के उच्चाधिकारियों को बाज की मदद से होने वाले शिकार के लिए न्यौता देता रहा है।

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