जेनेवारूस को अगले दो ओलिंपिक (ग्रीष्म और शीतकालीन) या अगले दो साल के लिए किसी भी विश्व चैंपियनशिप में अपने नाम, ध्वज और राष्ट्रगान का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। खेल पंचाट ने रूस को अगले दो साल के लिए किसी बड़ी खेल प्रतियोगिताओं की मेजबानी का दावा करने से भी प्रतिबंधित कर दिया।
रूसी खिलाड़ी और टीमें अगर डोपिंग मामलों में नहीं फंसते हैं या डोपिंग मामलों को नहीं दबाते हैं तो अगले साल तोक्यो ओलिंपिक और 2022 में पेइचिंग में होने वाले शीतकालीन ओलिंपिक के अलावा विश्व चैंपियनशिप और कतर में 2022 में होने वाले फुटबॉल विश्व कप में भाग ले सकती हैं। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने चार साल के प्रतिबंध की पेशकश की थी और उसकी अपेक्षा में रूस को कम सजा मिली है।
रूस के लिए छोटी जीत प्रमुख प्रतियोगिताओं में टीम का प्रस्तावित नाम भी है। पंचाट ने कहा कि अगर ‘तटस्थ खिलाड़ी’ या ‘तटस्थ टीम’ शब्दों को भी समान महत्व दिया जाता है तो खिलाड़ियों की पोशाक पर ‘रूस’ नाम बरकरार रह सकता है। इसके बावजूद सोचि ओलिंपिक 2014 के बाद सरकार समर्थित डोपिंग और मामलों को दबाने के आरोपों के बाद तीन जजों ने रूस को सबसे कड़ी सजा सुनायी।