चंडीगढ़, 17 दिसंबर (भाषा) पंजाब मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) को पटियाला के राखरा में एक बंद सहकारी चीनी मिल वाली जगह पर एक संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र की स्थापना के लिए अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। एक सरकारी बयान के अनुसार, शुगरफेड के सहयोग से विकसित किया जाने वाले इस संयंत्र में बायोगैस उत्पादन के लिए धान के पुआल का इस्तेमाल होगा जिससे फसल अवशेषों को खेत में जलाने की घटनाओं में कमी लाने में मदद मिलेगी तथा और जैविक खाद उत्पादन के जरिए मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की एक आभासी बैठक में यह निर्णय लिया गया। बनने जा रहे इस सीबीजी संयंत्र में 30 टन सीबीजी (संपीड़ित बायो गैस) उत्पादन की क्षमता होगी, जिसमें प्रतिदिन लगभग 300 टन धान के भूसे को कच्चे माल या फीडस्टॉक की आवश्यकता होगी। यह संयंत्र, प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार के अनेकों अवसर भी पैदा करेगा। यह प्रतिवर्ष लगभग 75,000 टन जैविक खाद भी पैदा करेगा। सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप-समिति की बैठक में, आईओसीएल ने सूचित किया था कि परियोजना में 180 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर चावल के भूसे और अन्य बायोमास के जरिये बायोगैस का उत्पादन किया जायेगा। आईओसीएल, सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से पुआल की खरीद करेगा। चावल के भूसे की खरीद / आपूर्ति के लिए दरों को आपसी बातचीत के बाद निपटाया जाएगा।