इससे साफ है कि सरकारी बैंकों के लिए बाजार से पूंजी जुटाना कितना मुश्किल है। पीएनबी ने 7000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था लेकिन बैंक 3800 करोड़ रुपये ही जुटा पाया। इसी तरह आईडीबीआई बैंक ने 2000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था लेकिन बैंक को 1400 करोड़ रुपये से ही संतोष करना पड़ा। एक सूत्र ने कहा कि एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंकों ने इश्यूज को संभाल लिया।
डिस्काउंट पर शेयर
एलआईसी आईडीबीआई को सपोर्ट नहीं कर सकती थी क्योंकि वह पहले ही बैंक में मैज्योरिटी स्टेक है लेकिन उसने पीएनबी की बड़े स्तर पर मदद की। एलआईसी ने पीएनबी में 1500 करोड़ निवेश किए। इसके अलावा सुंदरम जैसे म्यूचुअल फंड्स और मिलेनियम मैनेजमेंट ग्लोबल जैसे हेज फंड्स ने भी बैंक में निवेश किया। बैंक ने इश्यू के लिए फ्लोर प्राइस 35.35 रुपये तय किया था।
इसी तरह आरबीआई के पीसीए फ्रेमवर्क में शामिल आईडीबीआई बैंक ने भी 5 फीसदी डिस्काउंट के साथ फ्लोर प्राइस 40.63 रुपये तय किया था। दोनों बैंकों ने इस बारे में प्रतिक्रिया के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया। इनवेस्टर्स से भी प्रतिक्रिया के लिए तुरंत संपर्क नहीं हो पाया। आरबीआई ने बैंकों को कोविड-19 के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए पूंजी जुटाने को कहा है। ऐक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक जैसे निजी बैंकों की शेयर बिक्री को निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया था। लेकिन सरकारी बैंकों को निजी पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।