सुवेंदु से लेकर बनश्री तक, कौन कहां से छोड़कर BJP में शामिल, ये रही पूरी लिस्ट

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की बड़ी खेप शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गई है। ममता बनर्जी के लिए यह तगड़ा झटका है, वहीं बीजेपी अब बंगाल में पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है। सुवेंदु अधिकारी समेत 10 टीएमसी विधायक, एक सांसद और एक पूर्व सांसद ने अमित शाह की जनसभा में बीजेपी जॉइन की। सुवेंदु के अलावा बर्धमान पूर्व से सांसद सुनील कुमार मोंडल, टीएमसी के 6 विधायक समेत एक-एक सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के विधायक भी बीजेपी से जुड़ गए। बड़े नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में जिला स्तर के नेता और पार्षदों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया। जहां एक ओर टीएमसी ने बागियों को वायरस की संज्ञा देते हुए छुटकारा मिलने की बात कही, वहीं अमित शाह ने हुंकार भरते हुए कहा एक दिन ममता बनर्जी टीएमसी में अकेली रह जाएंगी। आप भी जानिए, अमित शाह की रैली में बीजेपी में शामिल होने वाले कौन हैं ये नेता-

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अमित शाह (Amit Shah) के दौरे पर सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) समेत टीएमसी के कई दिग्गजों ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसी के साथ अमित शाह ने विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly election) का बिगुल बजाते हुए मिदनापुर में जनसभा की। जानिए बीजेपी में शामिल होने वाले टीएमसी, कांग्रेस और सीपीएम के बागी नेता कौन हैं-

West Bengal News: सुवेंदु अधिकारी से लेकर बनश्री मैती तक, कौन कहां से छोड़कर बीजेपी में हुआ शामिल

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की बड़ी खेप शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गई है। ममता बनर्जी के लिए यह तगड़ा झटका है, वहीं बीजेपी अब बंगाल में पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गई है। सुवेंदु अधिकारी समेत 10 टीएमसी विधायक, एक सांसद और एक पूर्व सांसद ने अमित शाह की जनसभा में बीजेपी जॉइन की। सुवेंदु के अलावा बर्धमान पूर्व से सांसद सुनील कुमार मोंडल, टीएमसी के 6 विधायक समेत एक-एक सीपीआई, सीपीएम और कांग्रेस के विधायक भी बीजेपी से जुड़ गए। बड़े नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में जिला स्तर के नेता और पार्षदों ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया। जहां एक ओर टीएमसी ने बागियों को वायरस की संज्ञा देते हुए छुटकारा मिलने की बात कही, वहीं अमित शाह ने हुंकार भरते हुए कहा एक दिन ममता बनर्जी टीएमसी में अकेली रह जाएंगी। आप भी जानिए, अमित शाह की रैली में बीजेपी में शामिल होने वाले कौन हैं ये नेता-

​सुवेंदु अधिकारी
​सुवेंदु अधिकारी

20 साल की उम्र में सुवेंदु अधिकारी कांग्रेस छात्र परिषद नेता के रूप में 1996 में मिदनापुर में कोऑपरेटिव आंदोलन में शामिल हुए। तीन साल बाद वह टीएमसी से जुड़ गए। नंदीग्राम आंदोलन के दौरान ममता बनर्जी के विश्वासपात्र बन गए। टीएमसी के एक धड़े के अनुसार, उन्होंने 2011 विधानसभा चुनाव में ममता सरकार बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह 2009 और 2014 में तामलुक से सांसद रहे। 2016 में उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और नंदीग्राम से आंदोलन चुने गए। वह ममता बनर्जी सरकार में नंबर दो के नेता थे।

​सुनील कुमार मंडल (टीएमसी सांसद)
​सुनील कुमार मंडल (टीएमसी सांसद)

सुनील कुमार मंडल ने लेफ्ट मोर्चे के सहयोगी फॉर्वर्ड ब्लॉक से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 2011 में वह गल्सी से विधायक चुने गए। फॉर्वर्ड ब्लॉक के विधायक के रूप में उन्होंने फरवरी 2014 में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान टीएमसी उम्मीदवार को वोट दिया। इसके बाद वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। वह बर्धमान पूर्व से दो बार लोकसभा सांसद रहे। वह मुकुल रॉय के करीबी माने जाते हैं।

​शीलभद्र दत्ता (टीएमसी विधायक)
​शीलभद्र दत्ता (टीएमसी विधायक)

शीलभद्र दत्ता ने भी कांग्रेस छात्र परिषद से अपना करियर शुरू किया। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। 2006 में वह दल बदलकर टीएमसी से जुड़ गए। 2009 में उन्हें तृणमूल यूथ कांग्रेस (टीएमवाईसी) के जिला युवाध्यक्ष बनाए गए। 20111 में वह बैरकपुर से विधायक चुने गए और 2016 में दोबारा जीते।

(तस्वीर- मुकुल रॉय के साथ शीलभद्र)

​बनश्री दत्ता (टीएमसी विधायक)
​बनश्री दत्ता (टीएमसी विधायक)

पूर्वी मिदनापुर की कांथी उत्तर सीट से विधायक बनश्री दत्ता भी अधिकारी परिवार की करीबीम मानी जाती हैं। वह 2011 और 2016 में कांथी सीट से विधायक चुनी गईं।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी (पूर्व टीएमसी विधायक)

श्यामा प्रसाद मुखर्जी बांकुरा की बिश्नुपुर सीट से विधायक थे। वह ममता बनर्जी की पहली कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं। चिटफंड घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया। वह 2016 चुनाव में बिश्नुपुर से हार गए थे।

सुदीप मुखर्जी (कांग्रेस विधायक)
सुदीप मुखर्जी (कांग्रेस विधायक)

सुदीप मुखर्जी 2016 में पुरुलिया से विधायक नियुक्त हुए। वह लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे।

(तस्वीर- सुदीप मुखर्जी)

दिपाली बिस्वास (टीएमसी विधायक)

2016 विधानसभा चुनाव में दिपाली बिस्वास ने गजोले निर्वाचन क्षेत्र से सीपीएम उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। सुवेंदु अधिकारी के मालदा में पार्टी पर्यवेक्षक बनने के बाद बिस्वास जुलाई 2016 में टीएमसी में शामिल हुई थीं।

​​सैकत पंजा (सीएमसी विधायक)
​​सैकत पंजा (सीएमसी विधायक)

सैकत 2016 उपचुनाव में मंटेश्वर से विधायक चुने गए। उनके पिता संजल पंजा के निधन के बाद सीट खाली हुई थी। सैकत पिछले तीन-चार महीने से बागी हो गए थे।

सुक्र मुंडा (टीएमसी विधायक)

सुक्र मुंडा अलीपुरद्वार जिले की नगराकटा सीट से विधायक हैं। 2011 टीएमसी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था और नगराकटा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जोसेफ मुंडा को जीत मिली थी लेकिन 2016 में टीएमसी ने सुक्र को अपना उम्मीदवार बनाया और वह जीत गए।

​तापसी मंडल (सीपीएम विधायक)
​तापसी मंडल (सीपीएम विधायक)

2016 विधानसभा चुनाव में सीपीएम की जिला नेता तापसी मंडल पूर्वी मेदिनीपुर जिले की हल्दिया सीट से लेफ्ट मोर्चे की उम्मीदवार थीं।

अशोक डिंडा (सीपीआई विधायक)

पूर्व सीपीआई नेता अशोक डिंडा 2016 में पूर्व मेदिनापुर के तामलुक से विधायक नियुक्त हुए। वह पूर्व मेदिनापुर जिले में सीपीआई का चेहरा थे।

​बिस्वजीत कुंडु (टीएमसी विधायक)
​बिस्वजीत कुंडु (टीएमसी विधायक)

बिस्वजीत कुंडु कालना से दो बार विधायक रह चुके हैं। 2011 में वह कालना से जीते और 2016 में दोबारा विधायक चुने गए। बिस्वजीत सुवेंदु अधिकारी के करीबी माने जाते हैं। सुवेंदु अधिकारी के विधायकी से इस्तीफा देने के बाद सुनील मंडल के घर पर हुई बैठक में बिस्वजीत भी शामिल थे।

दसरथ टिर्के (पूर्व टीएमसी सांसद)

2014 में आरएसपी से टीएमसी में शामिल हुए दसरथ टिर्के अलीपुरद्वार से सांसद चुने गए थे। 2019 में वह बीजेपी के जॉन बरला से हार गए। इससे पहले वह कुमारग्राम से तीन बार (2001, 2006 और 2011) में विधायक भी रह चुके हैं।

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