नकियाल में पाकिस्तानी आतंकियों का हब है और यहां आतंकियों के करीब 7 बड़े ट्रेनिंग कैंप चलते हैं। यहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। आतंकियों का दूसरा बड़ा गढ़ कोटली है जो यहां से 50 किलोमीटर दूर है। बोर्ड पर लिखा है कि रावलपिंडी 178 किलोमीटर की दूरी पर है और इस्लामाबाद वेल विदइन रेंज, यानी भारतीय सेना की एकदम पहुंच में।
भारतीय सेना की लाइन ऑफ कंट्रोल (Line Of Control) के पास बनी एक पोस्ट पर लगा बोर्ड बता रहा है कि यहां से पीओके 680 मीटर दूर है, यानी इस वक्त हम पाकिस्तानी स्नाइपर्स (दूर से निशाना लगाने वाले) की एकदम रेंज में हैं। यहां हमारे हर मूवमेंट को पाकिस्तानी सैनिक देख रहे हैं। यहां से नकियाल 18 किलोमीटर दूर है। इन पोस्टों पर मुस्तैद भारतीय जवान पाकिस्तान की हर नापाक हरकत का जवाब देने के लिए हरवक्त तैयार रहते हैं। बिंबरगली सेक्टर से पूनम पांडेय की रिपोर्ट।
नकियाल में पाकिस्तानी आतंकियों का हब है और यहां आतंकियों के करीब 7 बड़े ट्रेनिंग कैंप चलते हैं। यहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। आतंकियों का दूसरा बड़ा गढ़ कोटली है जो यहां से 50 किलोमीटर दूर है। बोर्ड पर लिखा है कि रावलपिंडी 178 किलोमीटर की दूरी पर है और इस्लामाबाद वेल विदइन रेंज, यानी भारतीय सेना की एकदम पहुंच में।
महज आधा किलोमीटर दूर POK
यहां पोस्ट पर पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी होती रहती है। दो दिन पहले ही पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन किया और ज्यादा कैलिबर के हथियारों का इस्तेमाल किया। पहले जहां छोटे हथियारों का इस्तेमाल होता था वहीं अब पाकि्स्तान हर तरह के हथियार इस्तेमाल कर रहा है। यहां हमें पाकिस्तान की नापाक हरकतों के सबूत भी मिले। कांच में गोलियों के निशान अब भी हैं और पाकिस्तानी सेना ने जो मोर्टार दागे उसके अवशेष भी यहां मौजूद हैं। जिसमें पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्टैंप है। सितंबर में यहां दो दिन तक लगातार गोलाबारी होती रही।
सीजफायर की आड़ में आंतकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश
सीजफायर की आड़ में पाकिस्तान आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करता है। नकियाल यहां से नजदीक है इसलिए यहां सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिश होती है। 1 दिसंबर को ही 6 आतंकियों के एक ग्रुप ने घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया और तीन भाग गए। यहां घने जंगल होने की वजह से आतंकी छुपकर घुसने की ज्यादा कोशिश करते हैं। लेकिन भारतीय सैनिक दिन रात मुस्तैद हैं और आतंकियों को कोई मौका नहीं देते।
पाकिस्तान की हर नापाक हरकत पर पैनी नजर
भारतीय सेना ने कई कैमरे लगाए हैं जिससे लाइन ऑफ कंट्रोल के पास हो रही हर हरकत पर नजर रखी जाती है। यहां की भौगोलिक परिस्थिति ऐसी है कि हर जगह कैमरे की नजर नहीं पहुंच सकती। इसलिए घने जंगलों में भारतीय सैनिक पेट्रोलिंग करते हैं साथ ही एंबुस (घात) लगाते हैं। इसमें बहुत ज्यादा खतरा भी है क्योंकि तब वह पाकिस्तानी स्नाइपर और आर्टिलरी फायर के सीधे निशाने पर होते हैं। लेकिन भारतीय सैनिकों के जोश में कोई कमी नहीं है। जब हम सैनिकों के साथ पेट्रोलिंग देखने निकले तो कहा गया कि जो एक साफ ट्रैक दिख रहा है उस पर ही कदम रखना है। जरा भी पैर इधर- उधर हुआ तो कहीं से भी माइन ब्लास्ट हो सकता है।
पूरे इलाके में भारतीय सेना का डोमिनेशन
यहां लगभग हर रोज पाकिस्तानी की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन होता है। एक सीनियर अधिकारी से यह पूछने पर कि क्या एलएसी में चीन के साथ तनाव बढ़ने के बाद यहां कुछ बदलाव आया है? उन्होंने जवाब दिया कि उसका कोई असर नहीं दिखा, लेकिन पाकिस्तान की पहले की तरह ही नापाक हरकत जारी है। भारतीय सैनिक एकदम चौकस हैं ताकि पाकिस्तान को कोई मौका ना मिले। उन्होंने कहा कि हमारा सिचुएशन पर पूरा नियंत्रण है, ताकि हम अपने हिसाब से एक्शन ले सकें, ना कि सिर्फ रिएक्ट करें। पूरे इलाके में भारतीय सेना का पूरा डोमिनेशन है।