अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव () में कांग्रेस और लेफ्ट एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी () ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘आज कांग्रेस आलाकमान ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है।’
बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव को लेकर बीत दिनों पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि बंगाल में ममता बनर्जी और बीजेपी दोनों को रोकने के लिए लेफ्ट और कांग्रेस में गठबंधन होना ही चाहिए। ऐसे में गुरुवार को कांग्रेस आलाकमान ने लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक मंजूरी दे दी।
2016 में साथ लड़े थे कांग्रेस और लेफ्ट बता दें कि अधीर रंजन चौधरी ही पार्टी के अध्यक्ष थे, जब साल 2016 में लेफ्ट और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में काफी कोशिशों के बावजूद दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी ने भी यहां चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने राज्य में मुख्य विपक्षी दल का दर्जा हासिल कर लिया। पार्टी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीती थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात्र 28 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त मिली थी, जबकि 2019 में 128 विधानसभा सीटों पर पार्टी आगे रही। उधर, साल 2014 में 214 क्षेत्रों में बढ़त हासिल करने वाली टीएमसी 2019 में 158 क्षेत्रों में ही आगे रही।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार बंगाल पर रणनीति बना रहे हैं। 20 दिसंबर को बंगाल दौरेमें उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर जिस तरह TMC के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था, उसकी बीजेपी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने तय किया है कि हम हिंसा का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देंगे और आने वाले चुनाव में इस सरकार को हराकर दिखाएंगे। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी यहां से जीतती है तो बंगाल की मिट्टी से ही अगला मुख्यमंत्री होगा।