पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड को 15 साल की जेल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान के ऊपर अपनी धरती पर पल रहे आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन लेने का दबाव बना हुआ है। इसी कारण पाकिस्तानी आतंकवाद रोधी अदालत ने टेरर फाइनेंसिंग मामले में इस वैश्विक आतंकी पर 200,000 पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आतंकी संगठनों को पैसा मुहैया कराने के चार अलग-अलग मामले में सईद को पहले ही 21 साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
क्या बाकी बची जिंदगी जेल में काटेगा हाफिज सईद?
माना जा रहा है कि हाफिस सईद को अब आतंकी वित्तपोषण के इन पांचों मामलों में लाहौर के को लखपत जेल में 36 साल की कुल सामूहिक सजा को काटना पड़ेगा। पांचों मामलों में मिली सजा एक साथ चलेगी। माना जा रहा है कि 70 साल के हाफिज सईद की बाकी बची हुई जिंदगी अब जेल में ही कटेगी। पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी अदालत ने जमात-उ-दावा के खिलाफ 41 केस दर्ज किए हैं, जिनमें से अभी 25 मामलों में ही फैसला आया है।
हाफिज के खिलाफ ऐक्शन क्यों ले रहा पाक?
पाकिस्तान को फरवरी में होने वाली फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में ग्रे लिस्ट से बाहर आना है। इसलिए ही वह दिखावा करने में जुटा है कि उसने आतंक के खिलाफ कितने कदम उठाए हैं। अक्टूबर में हुई FATF की पूर्णकालिक बैठक में भी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ काम न करने पर ग्रे लिस्ट में ही रखने पर सहमति बनी थी। FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने उसकी 27 कार्ययोजनाओं में से केवल 21 को ही पूरा किया है। इसमें भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई न करना भी शामिल था।
हाफिज सईद पर इन फैसलों का क्या होगा असर?
जानकारों का कहना है कि कोर्ट के सजा देने का असर सईद पर नहीं पड़ने वाला है। उसे जल्द ही नजरबंद कर दिया जाएगा और उसकी संपत्ति भी वापस कर दी जाएगी। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी। इब्राहिम 1993 मुंबई बम विस्फोटों के बाद भारत के लिए सबसे वांछित आतंकवादी बन कर उभरा है।
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सईद
हाफिज सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी का मुखौटा संगठन है। लश्कर ही 2008 में हुए मुंबई हमले के लिये जिम्मेदार था। इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी। अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को खास तौर पर वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत दिसंबर 2008 में उसे आतंकी सूची में डाला गया।