चीन ने बनाया बर्फ का महल, देखने पहुंच रहे लाखों की संख्या में लोग

चीन के हेलोंगयांग प्रांत स्थित हार्बिन में दुनिया का सबसे बड़ा आइस एंड स्नो फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है। इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद यहां की खूबसूरती में कोई कमी नहीं देखी जा रही है। 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 10000 से ज्यादा कलाकारों ने दिन-रात एक करके बेहद खूबसूरत महलों, मूर्तियों और कई अन्य कलाकृतियों का निर्माण किया है। सर्दियों में बड़ी संख्या में पर्यटक ‘आइस सिटी’ के नाम से मशहूर चीन के हार्बिन शहर इस फेस्टिवल को देखने के लिए पहुंचते हैं। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के कारण विदेशी पर्यटकों की तादाद बहुत कम है।

चीन के हेलोंगयांग प्रांत स्थित हार्बिन में दुनिया का सबसे बड़ा आइस एंड स्नो फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है। इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद यहां की खूबसूरती में कोई कमी नहीं देखी जा रही है।

Harbin Ice Festival: चीन ने बनाया बर्फ का महल, देखने पहुंच रहे लाखों की संख्या में लोग

चीन के हेलोंगयांग प्रांत स्थित हार्बिन में दुनिया का सबसे बड़ा आइस एंड स्नो फेस्टिवल की शुरुआत हो चुकी है। इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद यहां की खूबसूरती में कोई कमी नहीं देखी जा रही है। 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 10000 से ज्यादा कलाकारों ने दिन-रात एक करके बेहद खूबसूरत महलों, मूर्तियों और कई अन्य कलाकृतियों का निर्माण किया है। सर्दियों में बड़ी संख्या में पर्यटक ‘आइस सिटी’ के नाम से मशहूर चीन के हार्बिन शहर इस फेस्टिवल को देखने के लिए पहुंचते हैं। हालांकि, इस बार कोरोना वायरस के कारण विदेशी पर्यटकों की तादाद बहुत कम है।

कहां स्थित है चीन की यह आइस सिटी
कहां स्थित है चीन की यह आइस सिटी

चीन की आइस सिटी के नाम से मशहूर हार्बिन शहर उत्तर पूर्वी प्रांत हेलॉन्जियांग प्रांत में स्थित है। यह हेलॉन्जियांग प्रांत का सबसे बड़ा शहर भी है, जहां लगभग एक करोड़ लोग रहते हैं। लोगों के रहने के हिसाब से यह चीन का 8वां सबसे बड़ा शहर है। हार्बिन इंटरनेशनल आइस एंड स्नो फेस्टिवल की शुरुआत 1985 में की गई थी। तब से इसे कुल 21 बार आयोजित किया जा चुका है। हार्बिन चीनी भाषा का शब्द है। जिसका शाब्दिक अर्थ वह जगह जहां मछलियों को पकड़ने वाला जाल सुखाया जाता है।

इसलिए महीनों तक टिके रहते हैं बर्फ के ये महल
इसलिए महीनों तक टिके रहते हैं बर्फ के ये महल

लगभग 6 लाख स्कवायर मीटर में फैले स्नो वर्ल्ड में बर्फ के 100 से ज्यादा कलाकृतियों को बनाया गया है। बर्फ के बने महलों पर रात को 3डी लाइट शो के जरिए खूबसूरत रोशनी बिखेरी जाती है। इसलिए दिन की अपेक्षा रात में इस फेस्टिवल को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। जाड़े के दिनों में यहां का तापमान माइनस 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। जिससे बर्फ की बनी ये कलाकृतियां लंबे समय तक अपनी जगह पर टिकी रहती हैं।

नदी की बर्फ से महल तैयार करते हैं कलाकार
नदी की बर्फ से महल तैयार करते हैं कलाकार

हार्बिन शहर में देश-विदेश से पहुंचे हजारों कलाकार जमी हुई सोंगहुआ नदी से बर्फ के टुकड़े निकालकर अपनी कलाकृतियों का निर्माण करते हैं। चूंकि मानव निर्मित बर्फ में अक्सर हवा के बुलबुले होते हैं और यह नक्काशी करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होता है। इसलिए कलाकार शहर से होकर गुजरने वाली सोंगहुआ नदी से बर्फ के टुकड़े लेकर महल, मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों का निर्माण करते हैं। गुणवत्ता मानक के तहत, बर्फ का प्रत्येक ब्लॉक 80 सेंटीमीटर चौड़ा, 40 सेमी मोटा और 120 सेमी लंबा होना चाहिए।

कई देशों की कलाकृतियों को देखेंगे पर्यटक
कई देशों की कलाकृतियों को देखेंगे पर्यटक

हार्बिन आइस पार्क को छह भागों में विभाजित किया गया है। यहां पहुंचने वाले पर्यटक रूस, ग्रीस और लातविया सहित कई अन्य देशों के प्रसिद्ध संरचनाओं के समूहों का आनंद ले सकते हैं। हार्बिन आइस एंड स्नो वर्ल्ड के चेयरमैन कोंग किंगबिन ने बताया कि इस साल पार्क पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए विशेष ऑफर भी होंगे। इस पार्क को घूमने का टिकट 100 युआन रखा गया है।

हर साल आते हैं दो करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक
हर साल आते हैं दो करोड़ से भी ज्यादा पर्यटक

इन बर्फ के महलों को देखने के लिए हार्बिन शहर मे हर साल लगभग दो करोड़ पर्यटक पहुंचते हैं। सिन्हुआ के अनुसार, 2017 में फेस्टिवल में करीब 1.8 करोड़ लोग पहुंचे थे। वहीं 2018 में दो करोड़ से ज्यादा यात्री आए। यहां आए हुए पर्यटक पास ही मौजूद साइबेरियन टाइगर पार्क भी जाते हैं। यहां साइबेरियन टाइगर बड़ी संख्या में रहते हैं।

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