नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को महीना भर होने को आया है। केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही। बातचीत के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन क्या जवाब देंगे, यह आज होने वाली बैठक में तय होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों से बातचीत करने को तैयार है। हालांकि किसान यूनियन ‘तीनों कानूनों को वापस लेने’ की अपनी प्रमुख मांग पर अड़ी हुई हैं। किसान यूनियनों ने कहा, “हमें कोई जल्दी नहीं है और हम हाइवेज पर तबतक रहने वाले हैं जबतक कानून वापस नहीं हो जाते।” यह अड़ियल रुख केंद्रीय कृषि मंत्रालय की किसानों को तीसरी चिट्ठी और पीएम मोदी के भाषण पर चर्चा के बाद भी बरकरार है।
Farmers Protest in Delhi Latest Update: किसान यूनियनों का कहना है कि उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है। जब तक केंद्र सरकार कृषि से जुड़े तीनों नए कानून वापस नहीं लेती, आंदोलनकारी किसान हाइवे पर ही रहने को तैयार हैं।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को महीना भर होने को आया है। केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत बेनतीजा रही। बातचीत के नए प्रस्ताव पर किसान संगठन क्या जवाब देंगे, यह आज होने वाली बैठक में तय होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों से बातचीत करने को तैयार है। हालांकि किसान यूनियन ‘तीनों कानूनों को वापस लेने’ की अपनी प्रमुख मांग पर अड़ी हुई हैं। किसान यूनियनों ने कहा, “हमें कोई जल्दी नहीं है और हम हाइवेज पर तबतक रहने वाले हैं जबतक कानून वापस नहीं हो जाते।” यह अड़ियल रुख केंद्रीय कृषि मंत्रालय की किसानों को तीसरी चिट्ठी और पीएम मोदी के भाषण पर चर्चा के बाद भी बरकरार है।
शाम तक केंद्र को मिल सकता है जवाब
कृषि मंत्रालय गुरुवार को एमएसपी के मुद्दे पर भी चर्चा को तैयार हो गया था। जय किसान आंदोलन के नैशनल कन्वीनर और ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी (AIKSCC) के महासचिव अविक साहा ने कहा, “किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी चाहते हैं और यही लॉजिक काम करेगा।” AIKSCC के नेताओं की राय है कि जबतक सरकार वो शर्तें नहीं बताती जिनके तहत कानूनों को वापस लिया जाएगा और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाएगी। शनिवार को ये नेता मिलेंगे और मंत्रालय के पत्र का जवाब तैयार करेंगे। यह जवाब शनिवार शाम तक केंद्र को भेजा जा सकता है।
‘कानून वापस ले लें, हम घर लौट जाएंगे’
दिल्ली के बुराड़ी में किसानों को प्रदर्शन की जगह दी गई थी। यहां मौजूद पंजाब के एक किसान ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, “आज किसानों के प्रदर्शन को एक महीना हो गया है। सरकार को तीनों कानून रद्द कर देने चाहिए। जैसे ही वो होगा, हम अपने-अपने घरों को लौट जाएंगे।”
लुधियाना से किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आए दिव्यांग
लुधियाना के नैशनल फेडरेशन ऑफ द ब्लाइंड से दिव्यांगों का एक जत्था टीकरी बॉर्डर पहुंचा है। ये यहां किसानों के आंदोलन में शरीक होने आए हैं।
पीएम ने किसानों से क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त ट्रांसफर करते हुए नए कृषि कानूनों पर भी बात की थी। मोदी ने कहा कि देश किसान किसी के बहकावे में नहीं आएंगे। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर किसानों को उकसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में जब उनकी सरकार थी तब स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को दबाकर रखा गया, लेकिन उन्होंने उसे लागू किया और रिपोर्ट में की गई सिफारिश के अनुसार एमएसपी में बढ़ोतरी की गई। मोदी ने नए कानूनों को सराहा और किसानों के खातों में सीधे तौर पर रुपये ट्रांसफर करते हुए कहा, “मैं संतुष्ट हूं कि अब कोई बिचौलिया नहीं है और किसानों को सीधे पैसा मिल रहा है। अब तक 1,10,000 करोड़ रुपये बिना किसी कटौती और कमीशन के जमा किए गए हैं। यह सुशासन है।”