फेक इनवायस के जरिए जीएसटी चोरी न हो, इसलिए किया गया है ऐसा
केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नकली चालान या फेक इनवायस के जरिए जीएसटी चोरी की घटना बढ़ती ही जा रही है। इसे ही रोकने के लिए यह सब उपाय किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सीबीआईसी ने 1 जनवरी, 2021 से लागू होने वाले जीएसटी नियमों में नियम 86बी को लागू किया है। यहजीएसटी लायबिलिटीज को 99 फीसदी तक पहुंचाने के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के उपयोग को प्रतिबंधित करता है।
इस नियम के दायरे में 45,000 कारोबारी
सीबीआईसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एक फीसदी नकद भुगतान की अनिवार्य व्यवस्था के दायरे में करीब 45,000 पंजीकृत कारोबारी इकाइयां (Trading bodies) आएंगी। हालांकि, यह जीएसटी के तहत पंजीकृत कुल करदाताओं का मात्र 0.37 फीसदी हिस्सा ही है। इस नियम से उन इकाइयों को छूट दी गयी हैं जहां कोई प्रबंध निदेशक या सहयोगी एक लाख रुपये से अधिक का व्यक्तिगत आयकर जमा कराता है या फिर पिछले वित्त वर्ष में जिसका बिना उपयोग हुआ आईटीसी रिफंड (ITC Refund) एक लाख रुपये से अधिक रहा हो।
चार लाख करोबारी का ही सप्लाई वैल्यू 50 लाख से अधिक
सूत्रों के मुताबिक, आंकड़े बताते हैं कि जीएसटी के तहत लगभग 1.2 करोड़ करदाता पंजीकृत हैं। इनमें से मात्र करीब चार लाख करदाताओं की ही मासिक सप्लाई वैल्यू (Monthly supply value) 50 लाख रुपये से अधिक है। इन चार लाख में से भी मात्र डेढ़ लाख लोग ही अपनी जीएसटी देनदारी () का एक प्रतिशत नकद जमा करते हैं।
और भी घट जाएंगे कारोबारियों की संख्या
सूत्रों ने कहा, ‘‘ नियमों में संशोधन के बाद छूट प्राप्त करदाताओं को निकालने से इन डेढ़ लाख लोगों में से 1.05 लाख करदाता और इसके दायरे से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में मात्र 40 से 45 हजार करदाताओं को ही यह अनिवार्य नकद भुगतान करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि यह 1.2 करोड़ जीएसटी करदाताओं का मात्र 0.37 फीसदी ही है।