दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

नई दिल्ली
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता बूटा सिंह (Buta Singh) का निधन हो गया। वह 86 साल के थे। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बहुत करीबी माना जाता था। केंद्र में कांग्रेस की अलग-अलग सरकार के दौरान उन्होंने गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री समेत कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है।

बूटा सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने किया ये ट्वीटपीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘बूटा सिंह अनुभवी प्रशासक और गरीबों के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए एक प्रभावी आवाज थे। उनके निधन से बेहद दुख है। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना।’ बूटा सिंह केंद्र में कांग्रेस की कई सरकारों का हिस्सा रहे। राजीव गांधी सरकार में उन्हें गृह मंत्री की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।

राहुल गांधी बोले-
देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया
दिग्गज कांग्रेस नेता बूटा सिंह के निधन पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर अपनी संवेदना प्रकट की है। उन्होंने लिखा, ‘सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।’

अशोक गहलोत बोले- बूटा सिंह के बारे में जानकर दुखी हूंराजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व सांसद बूटा सिंह के निधन के बारे में जानकर दुखी हूं। इस कठिन समय में उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है, ईश्वर उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति दे। उनकी आत्मा को शांति मिले।’

पूर्व गृह मंत्री और दिग्गज दलित नेता बूटा सिंह नहीं रहेवरिष्ठ कांग्रेसी नेता बूटा सिंह लंबे समय से बीमार थे। उन्हें अक्टूबर में ब्रेन हैमरेज के बाद एम्स (All India Institute of Medical Sciences) में भर्ती कराया गया था। इस बीच दो जनवरी (शनिवार) को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी पहचान पंजाब के बड़े दलित नेता के तौर पर रही। वह बिहार के पूर्व राज्यपाल भी रहे। बूटा सिंह राजस्थान से कांग्रेस के सांसद भी रहे। वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे।

सिख विरोधी दंगों के बाद बदली सीट, फिर भी दर्ज की थी जीतकांग्रेस के वरिष्ठ नेता 1967 से लगातार पंजाब के रोपड़ चुनाव लड़ते आ रहे थे। हालांकि, 1984 में रंग बदला था वजह थी ऑपरेशन ब्लू स्टार और 84 के सिख विरोधी दंगे। इस दौरान पंजाब में चुनाव के हालात तो नहीं थे। ऐसे में राजीव गांधी ने उस समय बूटा सिंह को पंजाब से राजस्थान भेज दिया था। मारवाड़ का इलाका और जालौर की सुरक्षित सीट पर बूटा सिंह ने तब आसानी से जीत दर्ज की थी। इस बार वह दो साल तक कृषि मंत्री और फिर गृहमंत्री का पद संभालते रहे।

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