नए साल के साथ ही कोरोना से मुक्ति की उम्मीद भी जगी है। साल के पहले दिन जहां सीरम इंस्टिट्यूट की वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज के लिए एक्सपर्ट पैनल की हरी झंडी मिल गई, वहीं शनिवार से देश के सभी राज्यों के दो-दो शहरों में वैक्सीन का ड्राई रन शुरू हो रहा है। इससे जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े कोरोना टीकाकरण अभियान की उम्मीद भी बढ़ गई है। आइए आपको बताते हैं वैक्सीन के आप तक पहुंचने तक के सफर के बारे में, कैसे वैक्सीन की शीशियां एयरपोर्ट पर पहुंचेंगी और वहां से आप तक।
कोरोना वैक्सीन का सफर
वैक्सीन एयरपोर्ट पर स्पेशल कार्गो प्लेंस में आएंगी। वहां से उन्हें स्पेशल रेफ्रिजरेटेड वैनों के जरिए 4 बड़े स्टोरेज पॉइंट्स- करनाल, मुंबई, चेन्नै और कोलकाता पहुंचाया जाएगा। आपको दिल्ली के उदाहरण से समझाते हैं क्योंकि बाकी जगहों पर भी यही प्रक्रिया होगी।
करनाल से स्पेशल रेफ्रिजरेटेड वैन के जरिए वैक्सीनों को दिल्ली के स्टोरेज पॉइंट्स पर पहुंचाया जाएगा। वैक्सीन को कार्गो प्लेन के जरिए भी डायरेक्ट दिल्ली लाया जा सकता है। दिल्ली में जगह-जगह कुल 629 कोल्ड-चेन पॉइंट्स बनाए गए हैं। इन पॉइंट्स तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए प्राइवेट रेफ्रिजरेटेड वैन्स की भी सेवाएं ली जाएंगी।
कोल्ड-चेन पॉइंट्स तक वैक्सीन पहुंचने के बाद शुरू होगी उन्हें वैक्सीनेशन बूथ तक पहुंचाने की प्रक्रिया। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, मोहल्ला क्लीनिकों और अन्य जगहों पर कुल 1000 वैक्सीनेशन बूथ बनाए गए हैं। अगर दिल्ली में कोरोना वैक्सीन के लिए की गई तैयारी पर नजर डाली जाए तो अभी फिलहाल 629 कोल्ड चेन पॉइंट्स, 817 आइस लिंक्ड रेफ्रिजरेटर और 478 डीप फ्रीजर्स की व्यवस्था की गई है।
वैक्सीनेशन बूथ कैसे होंगे
हर वैक्सीनेशन बूथ पर 3 कमरें या चिह्नित क्षेत्र होंगे। पहला होगा वेटिंग रूम जहां टीका लगवाने वाले के पहचान पत्र वगैरह की जांच की जाएगी। टीका लगवाने के लिए सबसे पहले यहां पहुंचना होगा। वेरिफिकेशन के बाद संबंधित शख्स को वैक्सीनेशन रूम में भेजा जाएगा जहां उसे वैक्सीन के शॉट दिए जाएंगे। उसके बाद संबंधित शख्स को ऑब्जर्वेशन रूम भेजा जाएगा जहां अगले आधे घंटे के लिए उसकी निगरानी की जाएगी कि कहीं कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है।
वैक्सीनेशन रूम में एक वक्त में सिर्फ एक को एंट्रीवैक्सीनेशन रूम में एक बार में सिर्फ एक व्यक्ति को एंट्री दी जाएगी, जिन्हें टीका लगना है। रूम में 5 वैक्सीन ऑफिसर होंगे। इसके अलावा एक सुपरवाइजर होंगे जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
टीके के लिए चयनित शख्स के पास एसएमएस से मिलेगी सूचना
टीके के लिए चयनित शख्स को टीकाकरण के बारे में पहले से जानकारी दे दी जाएगी। माना जा रहा है कि कुछ दिन पहले ही उन्हें एसएमएस से सूचना दे दी जाएगी कि आप अमुक पते पर अमुक समय पर टीका लगवाने के लिए पहुंचिए। वैक्सीनेशन ड्राइव के लिए Co-WIN नाम से एक ऐप बनाया गया है। अगले कुछ दिनों में इस ऐप पर सेल्फ-रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू हो जाएगी।
पहले चरण में इन 51 लाख लोगों को लगेंगे टीके
पहले चरण में 51 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी। इनमें 3 लाख हेल्थकेयर वर्कर, 6 लाख फ्रंटलाइन वर्कर और 42 लाख ऐसे लोग होंगे जो या तो 50 साल से ज्यादा उम्र के हों या जिन्हें पहले से ही सेहत से जुड़ी कोई गंभीर समस्या हो।