कोरोना महामारी की वजह से कई लोगों ने अपनों को खोया है। लोगों को बेसब्री से इंतजार कोरोना वायरस वैक्सीन का था। अब जबकि डीसीजीए की ओर से कोरोना वायरस की दो वैक्सीन को भारत में अप्रूवल मिल चुका है तो राजनीतिक दलों ने इस पर खेल शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष ने कोरोना वायरस की वैक्सीन को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वैक्सीन बताया है। समाजवादी पार्टी के इस बयान के बाद कांग्रेस में भी दो खेमे बंट गए हैं।
उधर, एसपी के अन्य नेताओं ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान को दो कदम आगे बढ़ाया है। एसपी एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि हो सकता है कि वैक्सीन आपको नपुंसक बना दे।
कांग्रेस ने एसपी को बताया BJP की बी टीमउत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार कहते हैं, ‘वैक्सीन किसी पार्टी की नहीं होती है। वैक्सीन पर वैज्ञानिकों ने मेहनत की है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव कह रहे हैं कि यह बीजेपी की है, वह पूरी तरह से गलत कह रहे हैं। इसका काफी ट्रायल होने के बाद अप्रूवल दिया गया है। पिछले कई महीनों से हमारा देश सफर कर रहा है। सरकार वादे पर वादे कर रही है कि हम उपलब्ध करा रहे हैं। बीजेपी को अगर लगता है कि वैक्सीन उनकी है तो गलत है। यह भ्रांति फैलाना एसपी और कांग्रेस का काम है। वैक्सीन में किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। वैक्सीन लोग लें। अब एसपी कांग्रेस की सहयोगी नहीं है। एक तरफ मुलायम सिंह यादव बीजेपी का सपॉर्ट करते हैं, दूसरी तरफ अखिलेश यादव बीजेपी का विरोध करते हैं…दरअसल, ये एक सिक्के के दो पहलू हैं।’
…एसपी की राह में बंट गई है कांग्रेस?
उधर, कांग्रेस नेताओं शशि थरूर और जयराम रमेश ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मिली मंजूरी पर सवाल उठाए हैं। तिरुवनंतपुरम से सांसद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अभी तक पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में कोवैक्सीन को समय से पहले मंजूरी देना खतरनाक हो सकता है। डॉ. हर्षवर्धन को इस पर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए। कोरोना वैक्सीन का ट्रायल पूरा होने तक इसके उपयोग से बचा जाना चाहिए। भारत को इस दौरान एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का इस्तेमाल करना चाहिए।’