नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर फिर से निशाना साधा है। राहुल गांधी ने चंपारण का जिक्र करते हुए दिल्ली बॉर्डर पर मौजूद आंदोलनकारी किसानों की तुलना ‘सत्याग्रहियों’ से की। राहलु गांधी ने कहा कि किसान सरकार से अपना हक ले कर रहेंगे।
राहुल गांधी ने पीएम मोदी को फिर लिया निशाने पर
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, देश एक बार फिर चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है। तब अंग्रेज कंपनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कंपनी बहादुर हैं, लेकिन आंदोलन का हर एक किसान-मज़दूर सत्याग्रही है जो अपना अधिकार लेकर ही रहेगा।
राजनीतिक विरोध का तरीका है ‘सत्याग्रह’
आपको बता दें कि ‘सत्याग्रह’ को सरकार की नीतियों के खिलाफ राजनीतिक विरोध का एक तरीका माना जाता है। ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी ने भी सत्याग्रह का ही तरीका अपनाया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 1917 में महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण में सत्याग्रह किया था, जब उन्होंने किसानों के मजबूरन इंडिगो खेती करने के खिलाफ आंदोलन किया था।
एक महीने से ज्यादा का वक्त, दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं किसान
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान संगठन दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच अबतक 7 दौर की वार्ता हो चुकी है जिसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। हालांकि दोनों पक्षों के बीच दो मुद्दों पर सहमति बन गई है। किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। अब कल यानी 4 जनवरी को किसान संगठनों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत होनी है।
(न्यूज एजेंसी IANS से भी इनपुट के साथ)