मुरादनगर हादसा: 24 मौतों का जिम्‍मेदार मुख्य आरोपी अजय त्यागी गिरफ्तार, 25 हजार का था इनाम

गाजियाबाद
मुरादनगर श्मशान हादसे के मुख्य आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हादसे के बाद से अजय त्यागी फरार था। पुलिस ने तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तारी कर लिया था। लेकिन ठेकेदार अजय त्यागी फरार था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद के एसएसपी ने उसके ऊपर 25 हजार का इनाम रख दिया था। इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो चुकी है।

मिली जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद एसएसपी ने अजय त्यागी की गिरफ्तारी के लिए सोमवार को ही पांच टीमों को लगा दिया था। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि अजय त्यागी शहर से बाहर है। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गाजियाबाद के बाहर से अजय त्यागी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस मंगलवार को अजय त्यागी को कोर्ट में पेश कर सकती है।

50 लाख रुपये में अजय त्यागी ने लिया था टेंडर
श्मशान घाट का जीर्णोद्धार कार्य नगर पालिका की तरफ से कराया जा रहा था। ठेकेदार अजय त्‍यागी ने 50 लाख रुपये में यह टेंडर लिया था। बताया जा रहा है कि वह पिछले 12 सालों से नगर पालिका में ठेकेदारी का काम कर रहा था। वह यहां का बड़ा ठेकेदार बताया जाता है। जिस बरामदे का लिंटर गिरने से इतने लोगों की जान चली गई, उसे मात्र दो महीने पहले ही बनाया गया था।

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लिंटर के नीचे दब गए थे 40 लोग
शनिवार को सुबह करीब 40 लोग एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए श्मशान घाट पहुंचे थे। इसी दौरान बारिश शुरू हो गई। सभी लोग बारिश से बचने के लिए बरामदे के नीचे पहुंच गए थे। इसी दौरान अचानक बरामदे का लिंटर भरभरा कर गिर गया, जिसमें सभी 40 लोग दब गए और वहां भगदड़ मच गई।

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मुख्यमंत्री योगी ने दिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत
मुख्यमंत्री योगी ने मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। कमिश्नर और गाजियाबाद के डीएम समेत कई बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। मुरादनगर की घटना से व्यथित और नाराज मुख्यमंत्री सोमवार को अधिकारियों पर जम कर बरसे।

घटना को अफसरों की गंभीर लापरवाही करार देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही अक्षम्य है। ऐसे अपराध करने वाले अफसरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। योगी ने कहा कि हर मंडलीय समीक्षा बैठकों में अफसरों को साफ तौर पर यह निर्देश दिया गया था कि जिलों में हो रहे 50 लाख से अधिक की लागत के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच टास्क फोर्स गठित कर हर हाल में करवा ली जाए।

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