अदालत ने उद्यमी से इलाज के लिये अमेरिका जाने के समर्थन में दस्तावेज दिखाने को कहा

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कारोबारी दीपक पुरी को मुंह के कैंसर के इलाज के लिये अमेरिका जाने के उसके दावे के समर्थन में चिकित्सा दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा। पुरी और उनके बेटे रतुल पुरी के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने अगस्त 2019 में उनके और अन्य के खिलाफ 354 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी मोजर बेयर और उसके निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। न्यायाधीश रजनीश भटनागर ने कहा कि दीपक पुरी ने 24 सितंबर, 2020 को मेमोरियल स्लोन केटरिंग कैंसर सेंटर के एक डॉक्टर का पत्र दिखाकर कहा था कि उन्होंने वहां इलाज कराया और आगे की जांच की जरूरत है। हालांकि, उन्होंने 24 सितंबर, 2020 के बाद का कोई दस्तावेज या पत्राचार नहीं दिखाया जिससे यह पता चले कि उन्हें आगे इलाज या परामर्श की जरूरत है अथवा कोई चिकित्सा संबंधी समस्या है। अदालत ने उन्हें इलाज को लेकर अमेरिका जाने के संदर्भ में अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने को लेकर 11 जनवरी तक का समय दिया है। अदालत पुरी की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें उन्होंने इलाज के लिये अमेरिका जाने की अनुमति देने का आग्रह किया है। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने पुरी की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि हो सकता है, वह भारत नहीं लौटे और वह बैंक धाखाधड़ी से प्राप्त धन को ठिकाने लगा सकता है। हालांकि, पुरी के वकील ने अदालत से कहा कि उनका मुवक्किल 2016 में मुंह के कैंसर के ऑपरेशन के बाद से हर साल अमेरिका जा रहा है और हर बार लौटा है।

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