मुरादनगर में अंतिम संस्कार में शामिल होने गए 25 लोगों को इसलिए जान गंवानी पड़ी, क्योंकि वहां पर श्मशान घाट में जो ढांचा बनाया गया था उसका स्ट्रक्चर भी नगर पालिका के इंजीनियरों ने डिजाइन नहीं करवाया था। यह खुलासा प्राइमरी जांच रिपोर्ट आने के बाद हुआ है। बता दें कि मुख्य आरोपी अजय त्यागी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
ढांचे का स्ट्रक्चर ही नहीं डिजाइन हुआ
प्रशासन की तरफ से जीडीए के चीफ इंजीनियर वीएन सिंह और निगम के चीफ इंजीनियर मोइनुद्दीन को इसकी प्राइमरी जांच कर रिपोर्ट देने का जिम्मा दिया गया था। दोनों अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की तो पता चला कि इस ढांचे का कोई स्ट्रक्चर डिजाइन ही नहीं कराया गया था। मनमाने तरीके से इसका निर्माण किया जा रहा है।
नियम का नहीं किया जा रहा था पालन
नेशनल बिल्डिंग कोड के किसी भी नियम का इसमें पालन नहीं किया जा रहा था। जिससे यह पता चल सके कि इसमें कितनी सरिया का इस्तेमाल किया गया और कितने सीमेंट का। बीम को कैसे बांधा गया है। स्लैब को डालने में किस मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया।
हादसे का कारण स्ट्रक्चर का फेल होना
जांच रिपोर्ट में हादसे का कारण स्ट्रक्चर का फेल होना माना जा रहा है। अधिकारी बताते हैं कि यदि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया होता तो पहले उसमें क्रैक आते हैं। इसके बाद धीरे-धीरे करके बिल्डिंग गिरती है। लेकिन जब स्ट्रक्चर फेल होता है तो पूरी बिल्डिंग एक साथ धराशाई हो जाती है।
मलबे को जांच के लिए भेजा
ऐसा ही कुछ मुरादनगर वाले हादसे में भी हुआ है। फिलहाल इसकी डिटेल में जांच करने के लिए टीम लगी हुई। एक सप्ताह के भीतर उसकी भी रिपोर्ट आ जाएगी। मलबे को जांच के लिए भी भेज दिया गया है।
शासन स्तर से बनेगी जांच कमेटी
अधिकारियों ने बताया कि इस घटना की जांच के लिए अब शासन स्तर से जांच कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें पीडब्ल्यूडी के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। हादसे के कारण को जानने के साथ ही यहां पर हुए अन्य काम की भी जांच की जाएगी।
नियमों का नहीं होता पालन
जांच कमेटी ने पाया है कि नगरपालिका में निर्माण के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जाता है। एमबी यानी मेजरमेंट बुक को भी सही से नहीं दुरुस्त किया जाता है, जबकि मेजरमेंट बुक में निर्माण में प्रयोग होने वाली हर सामग्री के बारे में डिटेल लिखा होता है।
इसमें कितनी मोटी सरिया और कितनी मात्रा में प्रयोग होने की जानकारी लिखी जाती है। अन्य सामग्री किस क्वॉलिटी की है और उसकी मात्रा क्या है। यह सब कुछ होता है। लेकिन यहां की मेजरमेंट बुक में कुछ खास डिटेल जांच कमेटी को नहीं मिली है।