कोरोना वैक्सीन को लेकर पूरी दुनिया में अविश्वास का सामना कर रहा चीन अब अपने सरकारी भोंपू के जरिए भारतीय कोरोना वायरस वैक्सीन की सुरक्षा पर सवाल उठा रहा है। यही नहीं चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स को इस बात से भी मिर्ची लगी है कि करीब 135 करोड़ की आबादी वाले भारत के बाजार से चीनी कोरोना वैक्सीन का पत्ता साफ हो गया है। ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारतीय नेताओं के चीन विरोधी भावनाओं को भड़काने और स्वदेशी कोवैक्सीन टीके से चीन की कोरोना वैक्सीन को खरीदने की संभावना कम हो गई है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि भारत ने कोरोना वायरस वैक्सीन को तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में जाने के 1 महीने बाद ही इसके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इससे सुरक्षा और वैक्सीन के प्रभाव को लेकर चिंता पैदा हो गई है। ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विश्लेषकों के हवाले से कहा कि भारतीय वैक्सीन की मंजूरी और भारतीय नेताओं के चीन के खिलाफ कथित रूप से भावनाओं को भड़काने की वजह से चीन की वैक्सीन को खरीदने की संभावना कम हो गई है।
मेडिकल रिसर्च और विकास क्षमता पर उठाए सवाल
चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज के शोधकर्ता तिआन गुआंगकिआंग ने कहा कि उन्हें भारतीय वैक्सीन पर भरोसा कम है। उन्होंने भारत के स्वतंत्र मेडिकल रिसर्च और विकास क्षमता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर वैक्सीन सफल और प्रभावी भी होती है तो भी भारत को खराब मेडिकल सुविधाओं की वजह से इसे लगाने में कई व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। खासतौर पर दूरस्थ और मलिन बस्तियों में ज्यादा दिक्कत होगी।
चीनी विशेषज्ञ ने दावा किया कि इस वैक्सीन को इसलिए मंजूरी दी गई है ताकि लोगों का कोरोना संकट के बीच सरकार पर भरोसा बढ़ जाए। उन्होंने कहा कि भारत के दो वैक्सीन को मंजूरी देने और चीन विरोधी भावनाओं के कारण इस बात की संभावना है कि भारत चीन की कोरोना वैक्सीन के लिए अपना बाजार बंद कर रहा है। तिआन ने कहा कि भारत के चीन के वैक्सीन को नहीं खरीदने से उसे नुकसान होगा क्योंकि टीके को बनाने की क्षमता उसे पूरी नहीं कर सकेगी।
चीन की कोरोना वैक्सीन पर पाकिस्तानियों को भी नहीं है भरोसा
बता दें कि वुहान से पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस को लेकर चीन ने ऐसा भरोसा खोया है कि पूरी दुनिया में उसे अपनी कोविड-19 वैक्सीन के लिए खरीदार तलाशने में नाको चने चबाने पड़ रहे हैं। आलम यह है कि उसका आयरन ब्रदर पाकिस्तान अपने देश में चीनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल तो जरूर करा रहा है लेकिन पाकिस्तानी जनता को इस वैक्सीन पर भरोसा नहीं हो रहा है। वह भी तब जब चीन ने कंगाल पाकिस्तान में 70 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है।
चीन की कोरोना वैक्सीन को लेकर पाकिस्तान, इंडोनेशिया, ब्राजील समेत कई विकासशील देशों में जनता के बीच सर्वेक्षण कराया गया और अधिकारियों से उनकी राय जानी गई। इसमें यही खुलासा हुआ है कि चीन अपनी कोरोना वैक्सीन को लेकर करोड़ों को आश्वस्त करने में असफल रहा है जिन्होंने पहले उस पर भरोसा किया था। पाकिस्तान के कराची शहर के मोटरसाइकल ड्राइवर फरमान अली ने कहा, ‘मैं चीनी वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा। मुझे इस वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।’
भरोसे के संकट से जूझ रही है चीन की कोरोना वैक्सीन
यह अविश्वास और दर्जनों गरीब देशों के चीन पर निर्भरता से दुनिया के समक्ष एक बड़ा राजनीतिक संकट पैदा हो सकता है। वह भी तब जब उस देश के नागरिकों को यह महसूस हो कि चीन ने जो कोरोना वायरस वैक्सीन दी है, वह घटिया है। चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन चीन को गरीब देशों को साधने में बड़ी राजनयिक बढ़त दिलवा सकता है जिनको पश्चिमी देशों की ओर से विकसित कोरोना वैक्सीन नहीं मिल पा रहा है।