मध्य प्रदेश: EC के निर्देश पर IPS अधिकारियों के खिलाफ शुरुआती जांच शुरू, चुनाव में काले धन के इस्तेमाल से जुड़ा है मामला

भोपाल/नई दिल्ली
मध्य प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को (ईसी) को तीन आईपीएस अधिकारियों एवं अन्य के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। इन तीनों अधिकारियों की 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान काले धन के उपयोग में कथित भूमिका सामने आई थी। आयकर विभाग द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नजदीकी सहयोगियों पर की गई छापेमारी के बाद उनकी कथित भूमिका का खुलासा हुआ था।

राज्य के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने आयोग को बताया कि राज्य के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने मामले में प्रारंभिक जांच दर्ज की है। उन्होंने मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में चुनाव आयोग को जानकारी देने के लिए दो हफ्ते का समय भी मांगा है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजेश कुमार राजौरा भी बैठक में मौजूद थे। आयोग ने दिसंबर में मध्य प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों को बुलाकर तीन आईपीएस अधिकारियों और अन्य के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई दर्ज करने के अपने आदेश के बारे में जानकारी मांगी थी।

चुनाव आयोग ने 16 दिसंबर को एमपी के मुख्य चुनाव अधिकारी से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों एवं अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने को कहा था। एमपी के मुख्य सचिव से भी राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई का निर्देश दिया था। चुनाव आयोग ने सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। चुनाव आयोग के सूत्रों ने तीनों आईपीएस अधिकारियों की पहचान सुशोभन बनर्जी, संजय माने, वी. मधु कुमार और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरूण मिश्रा के तौर पर की।

आयकर विभाग ने पिछले वर्ष अप्रैल में मध्य प्रदेश और दिल्ली में 52 स्थानों पर छापेमारी की और जिन लोगों के खिलाफ छापेमारी हुई थी, उनमें कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, उनके एक रिश्तेदार की कंपनी मोजर बेयर के कर्मचारी, उनके एक अन्य निकट रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी के कर्मचारी और अन्य शामिल थे। सीबीडीटी ने पिछले वर्ष आठ अप्रैल को बयान जारी कर कहा था कि आयकर विभाग के कर्मियों ने छापेमारी में 14.6 करोड़ रुपये की बेनामी नगदी और डायरियां तथा कंप्यूटर फाइल जब्त किए थे।

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