रेप का मुकदमा, SC/ST ऐक्ट फिर भी कोर्ट ने दी अरेस्ट से पहले जमानत..पढ़िए क्यों

अभिनव गर्ग, नई दिल्ली
दिल्ली हाई कोर्ट ने कथित यौन उत्पीड़न मामले के एक आरोपी को अग्रिम जमानत देने का रेयर आदेश दिया है। आरोपी शख्स पर एक महिला को शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप है। जस्टिस अनूप जे भामभनी ने अपने आदेश में इस बात का भी संज्ञान लिया कि शिकायतकर्ता महिला का पुरुष के साथ 2013 से ही आपसी सहमति से रिश्ते थे और वह आरोपी शख्स के साथ प्रॉपर्टी खरीदारी में शामिल थी।

कोर्ट ने पुलिस के उस तर्क को भी खारिज कर दिया जिसमें दलील दी गई थी कि आरोपी दानिश खान पर SC/ST ऐक्ट भी लगा है और इस सूरत में उसे अग्रिम जमानत मांगने का कोई आधार नहीं है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कठोर SC/ST ऐक्ट लगाने की आवश्यकता नहीं थी। अदालत ने साथ ही ट्रायल कोर्ट के गैर जमानती वारंट के आदेश को भी स्थगित कर दिया।

आरोपी की तरफ से पेश वकील प्रदीप तेवतिया ने पुलिस के स्टैंड पर सवाल उठाते हुई दलील दी कि शिकायतकर्ता महिला ने FIR में खुद ही यह बयान दिया है कि उसके आरोपी के साथ 2013 से रिश्ते हैं, इस दौरान वह आरोपी के साथ बाहर भी गई थीं।

महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान में भी यह स्वीकार किया था कि दानिश ने महिला से शादी के लिए अपने पैरेंट्स से सहमति लेने की बात कही थी और उसके माता-पिता इसके लिए तैयार भी हो गए थे लेकिन बाद में किसी वजह से शादी नहीं हो पाई।

वकील ने वजीराबाद में एक संपत्ति के लिए दोनों के ट्रांजैक्शन के दस्तावेज भी दिखाए, जहां आरोपी और उनके परिजन रहते हैं। यह संपत्ति आरोपी और शिकायतकर्ता महिला के बीच विवाद का विषय बन गई है। क्योंकि महिला ने आरोपी की मां को इस संपत्ति को खाली करने का नोटिस भिजवा दिया है। आरोपी के वकील ने दलील दी कि उसके क्लाइंट को इसमें फंसाया जा रहा है।

शिकायतकर्ता महिला के अनुसार, दानिश ने उसे शादी झांसा देकर उससे शारीरिक रिश्ते बनाए। महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां भी कीं। आरोपी को अभी तक इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है और ऐसे में अदालत ने उसे अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने आरोपी को यह भी आदेश दिया कि उसे गैर जमानती वारंट को लेकर अदालत के सामने उपस्थित होना होगा।

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