हिंद महासागर में चीन की चाल को नाकाम करने के लिए भारत अपने पड़ोसी देश श्रीलंका को साधने में जुटा है। विदेश मंत्री नए साल की पहली विदेश यात्रा पर कोलंबों पहुंचे हुए हैं। उन्होंने श्रीलंका सरकार की मांग पर की आपूर्ति के लिए स्वीकृति दे दी है। भारत पड़ोसी देश बांग्लादेश को भी बड़ी मात्रा में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई करने की तैयारी में है। उधर चीन भी श्रीलंका को और कर्ज देकर अपनी जाल में फंसाने की फिराक में है।
श्रीलंकाई विदेश मंत्री से की मुलाकात
तीन दिनों के श्रीलंका दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी का भारत-श्रीलंका के संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। दोनों देश कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित हैं। श्रीलंका के विदेश मंत्री दिनेश गुणवर्धन के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी ने दोनों देशों को और करीब से काम करने का मौका दिया है।
भारत श्रीलंका संबंधों का दिया हवाला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच सितंबर में हुई ऑनलाइन बैठक का हवाला देते हुए जयशंकर ने कहा कि इसने हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर नहीं डाला है और हमारे प्रधानमंत्रियों के बीच पिछले साल हुई ऑनलाइन बैठक इन संबंधों पर मुहर थी। उन्होंने कहा कि अब हम कोविड के बाद सहयोग को लेकर उत्साहित हैं और भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित को अपने ध्यान में रख रहे हैं।
श्रीलंका ने कोरोना वैक्सीन के लिए भारत से मांगी सहायता
जयशंकर के साथ कोलंबो में बैठक के दौरान श्रीलंका की सरकार ने औपचारिक रूप से कोविड टीके के लिए भारत की सहायता मांगी है। श्रीलंका के विदेश मंत्री गुणवर्धन के न्योते पर जयशंकर पांच से सात दिसंबर तक तीन दिनों की यात्रा पर यहां आए हैं। यह 2021 में उनकी पहली विदेश यात्रा है। साथ ही वह नये साल में श्रीलंका आने वाली पहली विदेशी हस्ती हैं।
महामारी से भी द्विपक्षीय संबंधों को नहीं पहुंचा नुकसान
गुणवर्धन के साथ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में जयशंकर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचा सकी है। जयशंकर ने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि पिछले एक साल में उच्च स्तर पर संपर्क बना रहा और वह पहले से मजबूत हुआ है।उन्होंने कहा कि अब हम श्रीलंका के साथ कोविड-19 के बाद सहयोग को लेकर आशान्वित हैं।
श्रीलंका को आर्थिक संकट से भी निकालने को भारत तैयार
विदेश मंत्री ने भारत से टीका प्राप्त करने के श्रीलंका के हित के बारे में भी चर्चा की। यह आश्वासन देते हुए कि श्रीलंका के लिए भारत भरोसेमंद और विश्वसनीय साझेदार है। जयशंकर ने कहा कि भारत परस्पर हित, परस्पर विश्वास, परस्पर सम्मान और परस्पर संवेदनशीलता के आधार पर श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाने के पक्ष में है। उन्होंने रेखांकित किया कि पड़ोसी देश फिलहाल कोविड-19 के बाद की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि यह सिर्फ जन स्वास्थ्य का मुद्दा नहीं है बल्कि आर्थिक संकट की स्थिति भी है।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति से भी मिलेंगे जयशंकर
संवाददाता सम्मेलन से पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और अपने समकक्ष गुणवर्धन से मुलाकात करने वाले जयशंकर का मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद से मुलाकात करने का भी कार्यक्रम है। विदेश मंत्री ने कहा कि वह श्रीलंका में हिरासत में लिये गए भारतीय मछुआरों की शीघ्र वापसी को लेकर आशान्वित हैं।