में बने 7 बाड़ों में 935 पक्षियों को रखा गया है। इसमें लगभग सभी प्रकार के पक्षी शामिल हैं। अचानक पक्षियों की मौत के बाद जू प्रशासन ने सर्तकता दिखाते हुए जानवरों के लिए बाहर से आने वाले चिकन पर पाबंदी लगा दी है। दरअसल बर्ड फ्लू मुर्गियों से फैलता है। ऐसे में जू में बने पक्षियों के बाड़े को ढक दिया गया है। इसके साथ ही दवाओं का छिड़काव और साफ-सफाई का काम किया जा रहा है। इसके साथ पक्षियों के बाड़े की मिट्टी और मल को भी जांच के लिए भेजा गया है।
प्रवासी पक्षियों का आरामगाह बनी है झील
चिड़ियाघर में 18 हेक्टेयर पर फैली झील बाहर से आने वाले पक्षियों के लिए आरामगाह है। बड़ी संख्या में बाहर से पक्षी से आते हैं और अपना ठिकाना भी बनाते हैं। झील के पानी और वहां से पक्षियों के मल के सैंपल को इकट्ठा कर जांच के लिए भेजा गया है। झील का विशेषज्ञों की टीम निरीक्षण भी करेगी।
जू प्रशासन को पोस्टमॉर्टम का इंतजार
जू प्रशासन के उपनिदेशक एके सिंह के मुताबिक जानवरों के लिए बाहर से आने वाले चिकन पर रोक लगा दी गई है। जानवरों को मीट के छोटे-छोटे टुकड़े करके दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मृत पक्षियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।