कोरोना वैक्सीन के लिए मददगार कोविन ऐप तकरीबन अपने लास्ट स्टेज चरण में है। हालांकि, इसे अभी ‘गूगल प्ले’ स्टोर या किसी अन्य एप स्टोर पर अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हेल्थ सर्विसेज में लगे वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स का डाटा जुटाया जा रहा है। इन लोगों को फर्स्ट प्रायॉरिटी के तहत कोविड-19 की वैक्सीन लगाई जाएगी।
कोविन ऐप पर अपलोड किया जा रहा है डाटा
इन लोगों का डाटा को-विन सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जा रहा है। को-विन डिजिटल प्लैटफॉर्म से फ्री में डाउनलोड जा सकेगा। यह वैक्सीन से जुड़े डेटा दर्ज करने में मदद करेगा। यदि कोई व्यक्ति वैक्सीन लगवाना चाहता है तो वह इस पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आइए जानते हैं इस ऐप के खास फीचर्स के बारे में…
हर यूजर की जेनरेट होगी यूनिक आईडी
कोविन ऐप वैक्सीन लगवाने वाले हर यूजर के लिए एक यूनिक आईडी जेनरेट करेगा। ऐप के जरिये यूजर को वैक्सीन लगवाने के समय और सेंटर्स को लेकर उसके रजिटर्ड मोबाइल नंबर पर मेसेज भेजा जाएगा। कोविन ऐप से 12 भाषाओ में एसएमएस भेजने की सुविधा होगी।
वैक्सीन लगने के बाद जेनरेट होगा QR कोड
वैक्सीनेशन ड्राइव को लेकर किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को रोकने को लेकर ऐप आधार कार्ड के जरिए ऑथेंटिकेट करेगा। कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद ऐप के जरिये एक क्यूआर कोड जेनरेट होगा। यह क्यूआर कोड सरकार के डिजी लॉकर ऐप में सुरक्षित रहेगा। वैक्सीनेशन के बाद किसी भी तरह की साइड इफेक्ट्स से जुड़ी घटनाओं की जानकारी के साथ ही उनको ट्रैक करेगा।
24×7 हेल्पलाइन के साथ चैट बॉट की सुविधा
कोविन ऐप पर 24X7 हेल्पलाइन की सुविधा उपलब्ध होगी। कोविन ऐप में चैट बॉट फीचर्स भी होगा। ये पैटर्न रिकॉगनिशन के जरिये पोर्टल को नेविगेट करने में मदद करेगा। कोविन ऐप से आईटी बेस्ड प्लैटफॉर्म के जरिये वैक्सीनेशन से जुड़े लोगों को ट्रेनिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। अब तक देश के 700 से अधिक जिलों में 90 हजार से अधिक यूजर्स को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।