अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बवाल जितना इस बार हुआ है, शायद ही कभी हुआ हो। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रैट जो बाइडेन की जीत स्वीकार करने को पहले ही तैयार नहीं थे लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे। ट्रंप समर्थक बुधवार को जबरन संसद कैपिटल में घुस गए, हिंसा हुई और एक जान भी चली गई। इतिहासकार बताते हैं कि देश की संसद ने ऐसा हाल कम से कम 200 साल में पहली बार देखा है। यह घटना इतनी गंभीर है कि खुद रिपब्लिकन नेता लोकतंत्र पर हुए इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप को बाहर करने की मांग करने लगे हैं।
US Capitol: अमेरिका की संसद कैपिटल में बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों (Donald Trump Supporters) के घुसने और हिंसा करने (Capitol Hill Violence) के बाद उन्हें समय से पहले राष्ट्रपति पद से हटाने (Impeachment) की मांग की जाने लगी है।
अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बवाल जितना इस बार हुआ है, शायद ही कभी हुआ हो। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रैट जो बाइडेन की जीत स्वीकार करने को पहले ही तैयार नहीं थे लेकिन शायद ही किसी को अंदाजा होगा कि हालात इतने बिगड़ जाएंगे। ट्रंप समर्थक बुधवार को जबरन संसद कैपिटल में घुस गए, हिंसा हुई और एक जान भी चली गई। इतिहासकार बताते हैं कि देश की संसद ने ऐसा हाल कम से कम 200 साल में पहली बार देखा है। यह घटना इतनी गंभीर है कि खुद रिपब्लिकन नेता लोकतंत्र पर हुए इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप को बाहर करने की मांग करने लगे हैं।
…जब सदन में चली थीं गोलियां
कैपिटल हिल हिस्टॉरिकल सोसायटी के डायरेक्टर ऑफ स्कॉलशिप ऐंड ऑपरेशन्स सैम्युअल हॉलिडे ने CNN को बताया है कि 1812 के युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि कैपिटल में इस तरह दाखिल हुआ गया है। तब अगस्त 1814 में अंग्रेजों ने इमारत पर हमला कर दिया था और आग लगा दी थी। 1954 में हाउस चेंबर में तीन पुरुष और एक महिला विजिटर गैलरी में हथियारों के साथ जाकर बैठ गए थे। प्योर्टो रीकन नैशनलिस्ट पार्टी के ये सदस्य देश की आजादी की मांग कर रहे थे। उन्होंने 1 मार्च, 1954 की दोपहर को सदन में ओपन फायरंग कर दी और प्योर्टो रीको का झंडा लहरा दिया। इस घटना में कांग्रेस के पांच सदस्य घायल हुए थे। (तस्वीर: Collection of the U.S. House of Representatives)
प्योर्टो रीको की आवाज बनीं लॉलिटा
दो अन्य पुरुषों के साथ महिला आरोपी लॉलिटा लेब्रॉन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जबकि एक शख्स भागने में कामयाब रहा। हालांकि, उसे भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। कहा जाता है कि इस समूह का नेतृत्व लेब्रॉन ही कर रही थीं। ‘फ्री प्योर्टो रीको’ चिल्लाते हुए ये लोग गैलरी में दाखिल हुए थे। लेब्रॉन को 56 साल जेल की सजा दी गई थी जिसमें से 25 साल उन्होंने जेल में बिताए। उनका निधान 1 अगस्त, 2010 को 90 साल की उम्र में हो गया था।
‘लोकतंत्र पर हमला’
देश के साथ पूरी दुनिया को हिलाकर रख देने वाली इस घटना के बाद रिपब्लिकन पार्टी के ही नेता 20 जनवरी से पहले डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की मांग करने लगे हैं। इस दिन बाइडेन के पदभार संभालने के लिए इनॉगरेशन समारोह आयोजित किया जाना है। नेताओं ने महाभियोग लगाकर ट्रंप को हटाने की मांग की है। एक पूर्व सीनियर अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति ने ऐसा काम किया है कि भले ही उनके कार्यकाल के सिर्फ कुछ ही दिन बाकी हों, उन्हें हटा देना चाहिए। उनका कहना है कि यह हमला पूरी व्यवस्था के लिए एक झटका है।
हटाए जाएंगे डोनाल्ड ट्रंप?
सदन के कुछ सदस्यों का कहना है महाभियोग की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। हालांकि, ट्रंप को हटाने के लिए पर्याप्त सदस्यों की संख्या है या नहीं, यह अभी साफ नहीं है। CNN के मुताबिक ट्रंप पर महाभियोग लगाने और उन्हें पद से हटाने के बाद, सीनेट उन्हें भविष्य में फेडरल ऑफिस में लौटने से रोक सकती है। सीनेट के वोट से उन्हें हमेशा के लिए डिसक्वॉलिफाई कर दिया जाएगा। देश के संविधान के 25वें संशोधन के तहत उपराष्ट्रपति माइक पेंस और कैबिनेट के बहुमत को ट्रंप को पद से हटाने के लिए वोट करना होगा। ‘अपने पद पर ताकतों और कर्तव्यों का’ पालन करने में अस्थिरता का हवाला देते हुए ऐसा करना अपने आप में एक बड़ा कदम होगा।