राज्य विधानसभा चुनाव के लिए गठित कांग्रेस की तीन प्रमुख समितियों में शामिल अय्यर ने भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर सत्तारूढ़ एआईएडीएमके इस चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करती है तो यह उसके लिए नुकसानदेह साबित होगा। विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन बरकरार रखने से जुड़े एआईएडीएमके नेतृत्व के हालिया बयानों को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर इसकी अटकलें हैं तो भी वह इसे तब तक हकीकत नहीं मानेंगे जब तक यह चुनाव अभियान में नजर नहीं आता और एआईएडीएमके के अलग-अलग गुटों के रुख का पता नहीं चल जाता।
अय्यर ने यह दावा भी किया कि अगर बीजेपी और एआईएडीएमके में गठबंधन हो भी जाता है तो यह सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के लिए नुकसानदेह होगा। यह पूछे जाने पर कि बिहार चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद डीएमके से सीटों के तालमेल पर कांग्रेस का क्या रुख होगा तो अय्यर ने कहा कि डीएमके इस गठबंधन का प्रमुख साझेदार है और ‘हम सिर्फ उनसे सीटों के लिए कह सकते हैं, देना उनको है।’
मणिशंकर अय्यर ने कहा, ‘DMK ने लोकसभा चुनाव के समय 12 सीटें देने का फैसला किया, लेकिन फिर उसने 9 सीटों से ज्यादा देने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि पुदुचेरी की सीट वे छोड़ रहे हैं और यह कांग्रेस की 10वीं सीट होगी। इसलिए कांग्रेस तो आग्रह करेगी, लेकिन आखिरी फैसला तो ‘थलपति’ स्टालिन को करना है और थलपति यथार्थवादी रहेंगे।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, जो भी सीटें डीएमके की ओर से दी जाएंगी वो कांग्रेस स्वीकार करेगी। कांग्रेस साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी डीएमके के साथ गठबंधन में थी और कुल 234 सीटों में से 41 उसके हिस्से में आई थी, हालांकि वह 8 ही जीत सकी। अय्यर ने यह दावा भी किया कि इस चुनाव में भी तमिलनाडु के भीतर बीजेपी कुछ खास नहीं कर सकेगी।