अस्पताल के वॉर्ड में मरीजों के बीच बेड पर कुत्ता, सवाल पर DM ने काटी कन्नी

मनीष सिंह, मिर्जापुर
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधा और इलाज करने का दावा किया जाता रहा है लेकिन जमीनी हकीकत अलग दिखती है। बृहस्पतिवार को मिर्जापुर जिले के मण्डलीय अस्पताल के एक वॉर्ड में मरीजो के साथ एक बेड पर कुत्ते के सोने की तस्वीर सामने आई है। विभाग की तरफ से चौबीसों घण्टे कर्मचारी और डॉक्टर मरीजों की सेवा और इलाज करने के लिए मौजूद होते हैं, उसके बावजूद ऐसी तस्वीर पूरी व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े करती है ।

वैसे सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमीऔर दवाइयों की कमी के साथ साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था ना होने के मामले सामने आते ही रहे हैं। इससे ज्यादातर लोग रूबरू भी होंगे। लेकिन मरीजो को जहां इलाज के लिए भर्ती किया जाता हो, वहां के एक खाली बेड पर कुत्ते के आराम फरमाने की तस्वीर सोचने को मजबूर करती है।

मिर्जापुर के मंडलीय अस्पताल को कहने को तो A श्रेणी का दर्जा मिला है। बृहस्पतिवार की शाम अस्पताल के सर्जिकल वॉर्ड में बेड खाली होने पर एक कुत्ता आराम से बैठा था। इसका वीडियो इलाज कराने गए एक परिजन ने बना लिया। वीडियो सामने आने के बाद अस्पताल की फजीहत होने के साथ व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

हालांकि जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने शुक्रवार को ड्यूटी जॉइन करने के बाद अपना पहला निरीक्षण जिला अस्पताल से ही शुरू किया। साफ-सफाई और डाक्टरों के समय से ना आने को लेकर वह असंतुष्ट भी नजर आए। जब पत्रकारों ने उनसे बेड पर कुत्ते के बैठने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं है, इसका पता लगवाएंगे। जब उनसे पूछा गया कि वॉर्ड में बेड खाली है तो दो मरीजो को बाथरूम के पास क्यों लिटाया गया है, इस पर भी उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या यही जवाबदेही होती है और जिले के सबसे बड़े अफसर से क्या यही उम्मीद की जाती है?

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