कहीं परमाणु हमला न कर दें 'सिरफिरे' ट्रंप, न्यूक्लियर लॉन्च कोड को लेकर अमेरिका में बढ़ी चिंता

वॉशिंगटन
अमेरिकी संसद पर बुधवार को हुए हमले के बाद के खिलाफ विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर और ट्रंप की धुर विरोध नेंसी पेलोसी ने न्यूक्लियर कोड की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। डेमोक्रेटिक सांसदों को लिखी चिट्ठी में पेलोसी ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के परमाणु कोड को लेकर अमेरिकी सेना के प्रमुख से बात की है। बता दें कि इस कोड की मदद से ही अमेरिका का राष्ट्रपति करने का आदेश देता है।

न्यूक्लियर लॉन्च कोड तक ट्रंप की पहुंच रोकने की मांग
पेलोसी ने कहा कि आज सुबह मैंने अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन मार्क मिले से बात की। मैंने एक अस्थिर राष्ट्रपति को सैन्य शत्रुता की शुरुआत करने या न्यूक्लियर लॉन्च कोड तक पहुंच से रोकने और परमाणु हमले का आदेश देने को लेकर सावधानियों पर चर्चा की। इस अस्थिर राष्ट्रपति को लेकर इससे खतरनाक स्थिति और कुछ नहीं हो सकती है।

अमेरिका को बचाने के लिए सबकुछ करेंगे
उन्होंने कहा कि हम अपने देश, हमारे लोगों और हमारे लोकतंत्र को किसी भी हमले से बचाने के लिए वह सब कुछ करना चाहिए जो हम कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जितनी जल्दी हो सके वह डोनाल्ड ट्रंप को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद कर रही हैं।

न्यूक्लियर लॉन्च कोड को लेकर क्यों डरा अमेरिका
अमेरिका का राष्ट्रपति न्यूक्लियर लॉन्च कोड के जरिए अपनी सेना को जल,थल या नभ से किसी भी देश पर परमाणु हमले का आदेश दे सकता है। एक बार आदेश देने के बाद अमेरिकी सेना चाहकर भी मना नहीं कर सकती है। जब भी अमेरिका में कोई नया राष्ट्रपति चुना जाता है तो उसे ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ की तरफ से न्यूक्लियर लॉन्च कोड सौंपे जाते हैं।

किन देशों पर हमले का आदेश दे सकते हैं ट्रंप
डेमोक्रेटिक सांसदों को डर है कि अपना कार्यकाल खत्म होते-होते डोनाल्ड ट्रंप कुछ ऐसा कर सकते हैं, जिससे नए राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए मुश्किलें बढ़ जाएंगी। माना जा रहा है कि ट्रंप ईरान, चीन या रूस के ऊपर परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। हालांकि ऐसा होने की उम्मीद बेहद कम है। फिर भी सतर्कता दिखाते हुए अमेरिकी सांसद कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते हैं।

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