ऋषिकेश नारायण सिंह, पटना: पटना के मशहूर चाइल्ड स्पेशलिस्ट उत्पल कांत के निधन के बाद बिहार के सियासी गलियारे तक में शोक की लहर दौड़ गई। डॉक्टर उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ सौरव पटना के बिक्रम से विधायक हैं लेकिन आज भी उनकी पहचान अपने पिता के नाम से ही होती है। शायद आगे भी उन्हीं के नाम से होती रहेगी। जानिए क्यों डॉक्टर उत्पल कांत सबकी पसंद थे…
गुरुवार की देर रात बिहार के सियासी गलियारे से एक के बाद एक शोक संदेश आने लगे। ये शोक संदेश पटना के डॉक्टर उत्पल कांत के दुखद निधन पर थे। पक्ष हो या विपक्ष सबने उनकी मौत पर दुख जताया। आखिर क्या ऐसी बात थी डॉक्टर उत्पल कांत में… जानिए यहां
ऋषिकेश नारायण सिंह,
पटना:
पटना के मशहूर चाइल्ड स्पेशलिस्ट उत्पल कांत के निधन के बाद बिहार के सियासी गलियारे तक में शोक की लहर दौड़ गई। डॉक्टर उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ सौरव पटना के बिक्रम से विधायक हैं लेकिन आज भी उनकी पहचान अपने पिता के नाम से ही होती है। शायद आगे भी उन्हीं के नाम से होती रहेगी। जानिए क्यों डॉक्टर उत्पल कांत सबकी पसंद थे…
बच्चों के भगवान कहे जाते थे डॉक्टर उत्पल कांत
पटना या पूरे बिहार में अगर किसी के बच्चे की तबीयत खराब होती थी तो दशकों के एक ही नाम सबकी जुबान पर आता था। डॉक्टर उत्पल कांत… बीमारी चाहे कितनी भी बड़ी हो… डॉक्टर साहब यानि उत्पल कांत सब ठीक कर देंगे, ये विश्वास हर माता-पिता को रहता था। बिहार में आज भी ऐसे कई युवा हैं जो कहते हैं कि बचपन में उन्हें उत्पल कांत ने ही बचाया। पटना के रहनेवाले कारोबारी ऋषभ कहते हैं कि बचपन में जब भी उनकी तबीयत खराब होती थी तो उनके माता-पिता बगैर समय गंवाए डॉक्टर साहब यानि उत्पल कांत के पास ले जाते थे। पता नहीं डॉक्टर साहब के हाथों में ऐसा क्या जादू था कि कई बार नब्ज पकड़ते ही रोग छूमंतर हो जाता था। ऋषभ जैसे ऐसे कई लोग हैं जिन्हें डॉक्टर उत्पल कांत के निधन पर बेहद ही ज्यादा गम है।
पटना के अमहरा गांव के रहनेवाले थे डॉक्टर उत्पल कांत
डॉक्टर उत्पल कांत पटना से सटे बिहटा ब्लॉक के अमहरा गांव के रहने वाले थे। इसी गांव के सामाजिक कार्यकर्ता और एक शिक्षण संस्थान के संचालक अमित कुमार बताते हैं कि उत्पल कांत कई बार गरीब बच्चों का मुफ्त में इलाज करते थे। अगर उन्हें पता चल जाता था कि फलां बच्चे के माता पिता कर्ज लेकर इलाज कराने आए हैं तो वो अपनी पूरी फीस ही माफ कर दिया करते थे। अमित बताते हैं कि वो जब भी अपने गांव अमहरा आते थे तो बीमार बच्चों पर जरुर ध्यान देते थे। पटना के नाला रोड के उनके क्लिनिक में कई बार तो ऐसी तस्वीरें दिखती थीं जब मां-पिता अपने बीमार बच्चे के ठीक हो जाने के बाद उन्हें दुआएं देते बाहर निकलते थे।
इसीलिए MLA बेटे को इलाके के लोगों ने दिल खोलकर दिया वोट
डॉक्टर उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ उन्हीं के क्षेत्र बिक्रम से कांग्रेस के विधायक हैं। इस क्षेत्र के वोटरों ने 2015 के चुनाव में ही उन्हें हाथों हाथ लिया था। वोटर कहते हैं कि सिद्धार्थ को कांग्रेस पार्टी के नाम पर नहीं बल्कि बीजेपी के गढ़ बिक्रम में उनके पिता उत्पल कांत के चलते वोटों से तौल दिया गया। डॉक्टर पिता की नेकी ऐसी थी कि मैदान में खड़े होने पर उन्हें गरीब-अमीर सबका वोट मिला। हालांकि उत्पल कांत चाहते तो डॉक्टरी की दुनिया के साथ सियासी दुनिया में भी परमच लहरा सकते थे। लेकिन उन्होंने जीते जी महत्वाकांक्षा से ज्यादा बच्चों की जान को अहमियत दी। कुछ ऐसे ही थे डॉक्टर साहब…
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