मसूद अजहर मोस्ट वांटेड, लखवी और हाफिज को जेल, आखिर इतना दिखावा क्यों कर रहा पाक?

इस्लामाबाद
पाकिस्तान इन दिनों कुख्यात आतंकी सरगनाओं के खिलाफ धड़ाधड़ ऐक्शन लिए जा रहा है। आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार की इतनी सक्रियता ने लोगों के मन में कई शंकाओं को जन्म दे दिया है। आज ही पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तैयबा में नंबर दो का सरगना को 15 साल कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले 24 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद को भी ऐसी ही एक अदालत ने आतंकवादियों को फंडिंग करने के मामले में 15 साल के लिए जेल भेजा था।

के खिलाफ भी गिरफ्ताकी वारंट
अब पाकिस्तान की उसी आतंकरोधी अदालत ने टेरर फाइनेंसिंग के मामले में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और वैश्विक आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इस वारंट को गुजरांवाला आतंकरोधी अदालत ने पंजाब पुलिस के के आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) के अनुरोध पर जारी किया है। कोर्ट ने सीटीडी को उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है।

ISI के ठिकाने पर मौज कर रहा मसूद अजहर
पाकिस्तान शुरू से ही मसूद अजहर को लापता बताता रहा है। जबकि वह अपने पैतृक शहर बहावलपुर में कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा हुआ है। कहा तो यह भी जा रहा है कि मसूज अजहर को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने सुरक्षित ठिकाने पर पनाह दिए हुए है। भारत में फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने टेटर फाइनेंसिंग के खिलाफ अभियान शुरू किया था और इस मामले में गुजरांवाला में जेईएम के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी। गुजरांवाला, लाहौर से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।

जैश के खिलाफ कार्रवाई का ढोंग कर रहा पाकिस्तान
पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने बहावलपुर में मदरसा और जामा मस्जिद सुभानल्लाह समेत जेईएम मुख्यालय पर नियंत्रण का दावा किया है। सरकार के मुताबिक वहां 600 छात्र पढ़ाई करते हैं और उनमें से कोई भी आतंकी संगठन से नहीं जुड़ा है। मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया था।

आतंकियों के खिलाफ इतना ऐक्शन क्यों ले रहा पाक?
पाकिस्तान को फरवरी में होने वाली फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक में ग्रे लिस्ट से बाहर आना है। इसलिए ही वह दिखावा करने में जुटा है कि उसने आतंक के खिलाफ कितने कदम उठाए हैं। अक्टूबर में हुई FATF की पूर्णकालिक बैठक में भी पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ काम न करने पर ग्रे लिस्ट में ही रखने पर सहमति बनी थी। FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने उसकी 27 कार्ययोजनाओं में से केवल 21 को ही पूरा किया है। इसमें भारत में वांछित आतंकवादियों मौलाना मसूद अजहर और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई न करना भी शामिल था।

आतंकियों पर इन फैसलों का क्या होगा असर?
जानकारों का कहना है कि पाकिस्तानी कोर्ट के सजा देने या गिरफ्तारी वारंट जारी करने का असर किसी भी आतंकी के ऊपर नहीं पड़ने वाला है। इन सभी को जल्द ही नजरबंद कर दिया जाएगा और उसकी संपत्ति भी वापस कर दी जाएगी। इससे पहले पाकिस्तान सरकार ने 18 अगस्त को दो अधिसूचनाएं जारी करते हुए 26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ता और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर प्रतिबंधों की घोषणा की थी।

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