‘मेक इन इंडिया’ पर फ्रांस का बड़ा ऑफर
भारत-फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को तब नई मजबूती मिली जब फ्रेंच प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों के डिप्लोमेटिक अडवाइजर इमैनुअल बोन ने नई दिल्ली में भारतीय नेताओं से मुलाकात की और डिफेंस डील के कई नए ऑफर दिए। फ्रांस ने भारत से कहा कि वो अपने पैंथर हेलिकॉप्टरों की 100% असेंबली लाइन भारत में शिफ्ट करने को तैयार है। साथ ही, वो राफेल फाइटर जेट्स की 70% असेंबली लाइन को भी ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा बनाने को तैयार है। अंग्रेजी अखबार द हिंदुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि ये ऑफर्स 34वें भार-फ्रांस स्ट्रैटिजिक डायलॉग के लिए भारत दौरे पर आए इमैनुएल बॉन ने दिए।
36 से ज्यादा राफेल की खरीद कर सकता है भारत
अखबार ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि संभव है कि भारत 36 राफेल की डील को बढ़ा सकता है ताकि 70% असेंबली लाइन भारत लाई जा सके। इससे राफेल की लागत भी बहुत कम हो जाएगी। उधर, नौसेना के लिए हल्के हेलिकॉप्टर की खरीद करने को तत्पर भारत पैंथर चॉपर्स पर फ्रांस से मिले इतना बड़ा ऑफर पर विचार करने को तैयार है। एयरबस का AS565 MBe मल्टि-रोल मीडियम हेलिकॉप्टर की डिजाइनिंग ऐसी है कि वो नौसेना के जहाजों, समुद्रतटों और जमीन से भी उड़ान भर सके।
भारत की फ्रांस को दोटूक- दुश्मनों को नहीं दें टेक्नॉलजी
वरिष्ठ अधिकारियों ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि भारत छह एयरबस 330 मल्टि रोल ट्रांसपोर्ट टैंकर फ्रांस से लीज पर लेने पर विचार कर रहा है। भारत ने फ्रांस के ऑफर पर विचार करने का फैसला करते हुए दोटूक अंदाज में कह दिया है कि उसे मिलने वाली डिफेंस टेक्नॉलजी को किसी दुश्मन देश के साथ साझा नहीं की जाए। इस पर फ्रांस ने भारत से कहा कि पाकिस्तान के साथ उसका रिश्ता, खासकर रक्षा क्षेत्र में, निचले स्तर पर पहुंच गया है क्योंकि पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने आतंकी घटना पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर व्यक्तिगत हमला किया था। माना जा रहा है कि अब पाकिस्तान को दिए गए फ्रेंच वेपन प्लैटफॉर्म्स को अपग्रेड किया जाएगा और न ही उसे आगे हथियारों की बिक्री की जाएगी।
ध्यान रहे कि एयरबस 330 उड़ान के वक्त हवा में ईंधन भरने का काम करता है। इस मिड एयर रीफ्यूलर टैंकर से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ सकती है। ऐसा नहीं है कि भारत के पास हवा में ईंधन भरने वाले टैंकर नहीं हैं। अभी वायुसेना रूस की IL-76 M से यह काम कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान इसी तरह के चार रीफ्यूलर यूक्रेन से खरीदने जा रहा है जबकि चीन के पास रूस के यही IL-76 M रीफ्यूलर हैं।